गन्ना किसानों को झटका: सरकार ने बढ़ाया दाम, लेकिन फिर भी हो रहा नुकसान
सरकार ने गन्ने के मूल्य पर शासनादेश जारी किया है, जिसके तहत मिलों को नए नियमों के अनुसार भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। गन्ने के ढुलान के किराये ...और पढ़ें

अब किसान से 9.50 रुपये के बजाए काटे जाएंगे 11 रुपये प्रति क्विंटल। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, रुड़की। सरकार की ओर से गन्ना मूल्य का शासनादेश हो गया है। इसके साथ ही मिलों को नए शासनादेश के मुताबिक गन्ने का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं वहीं सरकार ने गन्ना ढुलान के किराये में भी बढ़ोतरी कर दी है। पहले क्रय केंद्र पर गन्ना लेकर अाने वाले किसान से 9.50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जा रही थी, अब इसको 11 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
पिछले सप्ताह उत्तराखंड सरकार की ओर से गन्ने का दाम घोषित कर दिया था। सरकार ने उप्र की तर्ज पर 30 रुपये प्रति क्विंटल दाम में बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही उत्तराखंड में गन्ने के दाम 405 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए है। वहीं गन्ना खरीद केंद्रों पर गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसानों को सरकार ने झटका दे दिया है।
पिछले साल क्रय केंद्र पर गन्ना लेकर आने वाले किसान ने किराये के रुपये में 9 रुपये 50 पैसे की कटौती की जाती थी। इस बार सरकार ने किराये में डेढ़ रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ौतरी कर दी है। अब किसान को 11 रुपये प्रति क्विंटल रूप में किराया देना होगा। यानि जो किसान तोल केंद्र पर गन्ना लेकर आ रहा है उसको 405 के बजाए 394 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने का भुगतान मिलेगा।
गन्ना आयुक्त ने सभी चीनी मिलों को निर्देश दिए है कि वह शासनादेश के अनुसार गन्ना पर्चियों पर गन्ने का दाम अंकित कर लें। इसके अलावा किसानों को शासनादेश के अनुसार ही गन्ने का दाम दिया जाएगा। वहीं चीनी मिलों ने भी अंतर गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर तैयारियां कर ली है।

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