कैशलैस व्यवस्था के युवा बनेंगे गुरु, देंगे डिजिटल पेमेंट का ज्ञान
डिजिटल इकॉनोमी के प्रोत्साहन को युवाओं 'गुरु' के रूप में तैयार होंगे। ये युवा स्थानीय लोगों और मंडियों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही प्रशिक्षण देंगे।
देहरादून, [अनिल उपाध्याय]: नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की केंद्र सरकार की मुहिम को अब युवा मजबूत करेंगे। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने वित्तीय साक्षरता अभियान (विसाका) शुरू किया है।
डिजिटल इकॉनोमी को प्रोत्साहित करने के लिए युवाओं को 'गुरु' के रूप में तैयार किया जाएगा। ये प्रशिक्षित युवा स्थानीय लोगों, बाजार और मंडियों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित करेंगे और प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसके लिए एमएचआरडी ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
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एमएचआरडी की पहल पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के तमाम संस्थानों को निर्देश और एक्शन प्लान जारी किया। यूजीसी के सचिव प्रो. जसपाल एस संधू ने जानकारी दी कि आइआइटी, आइआइएम, एनआइटी, आइएसईआर समेत देश के तमाम उच्च शिक्षा संस्थानों को विसाका से जोडऩे के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
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एमएचआरडी ने इससे पूर्व एक दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संस्थानों के प्रमुखों के साथ कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल इकॉनोमी को मजबूत करने में युवा अहम कड़ी साबित होंगे। यह पीढ़ी तकनीक के मामले में मजबूत है और देश को भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त करने में अहम भूमिका निभाने के लिए गंभीर भी है।
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प्रो. संधू ने कहा कि इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सभी परिसरों के प्रमुख छात्रों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रेरित करें और प्रशिक्षित करें। विसाका से जुडऩे के लिए स्वेच्छा से छात्र आगे आएं और उन्हें विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाए।
प्रशिक्षण के बाद छात्र स्थानीय क्षेत्रों का चयन कर लोगों को प्रशिक्षित करें। इसके साथ ही एनएसएस और एनसीसी इकाइयां नजदीकी बाजारों और मंडियों का चयन कर व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट के माध्यमों से रूबरू कराएं।
इतना ही नहीं निर्धारित तिथियों के आधार पर कार्ययोजना का पालन किया जाए और चयनित क्षेत्रों का प्रशिक्षण के बाद निरीक्षण भी किया जाए कि कितना लाभ हुआ। प्रो. संधू ने बताया कि 12 दिसंबर से 12 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान को सफलता पूर्वक लागू करने वाले संस्थान को मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस पुरस्कृत भी करेगा।
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शत-प्रतिशत कैशलैस हों परिसर
इस मुहिम का सबसे अहम हिस्सा शिक्षण संस्थानों को पूरी तरह से कैश लैस किया जाना है। संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे इसके लिए आगे आएं और संस्थानों में होने वाले तमाम वित्तीय लेन-देन कैशलैस हों। विसाका से जुड़ी तमाम जानकारी प्राप्त करने और तमाम कार्य ऑनलाइन माध्यम से किए जाने के लिए एक वेबसाइट तैयार की गई है। इस मुहिम के तहत तमाम काम डिजिटल माध्यम पर ही होंगे।
ये होंगी गतिविधियां
-ब्यूरो प्रमुखों की संस्थानों के साथ वीडियो कांफ्रेंस-6 से 9 दिसंबर
-डिजिटल पेमेंट सिस्टम के लिए प्रशिक्षकों की पहचान-10 दिसंबर
-छात्रों को कार्यक्रम जानकारी देने और स्वेच्छा से वेबसाइट पर पंजीकरण-सात से 14 दिसंबर
-स्वयंसेवियों का प्रशिक्षण-15 से 20 दिसंबर
-स्वयंसेवी चयनित क्षेत्र के लोगों को डिजिटल व्यवस्था का प्रशिक्षण देंगे-20 दिसंबर से 12 जनवरी
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बाजार और मंडियों का चयन
-एनएसएस-एनसीसी के दल बाजार-मंडी का चयन करेंगे-12 दिसंबर
-चयनित आस्थानों को डिजिटल पेमेंट का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे-12 से 23 दिसंबर
-प्रशिक्षण के बाद बाजार पर असर का आंकलन करेंगे -23 दिसंबर से आठ जनवरी
-फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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