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Uttarakhand Lockdown: खेतों में गेहूं और सरसों की फसल तैयार, लॉकडाउन खुलने का इंतजार

ऋषिकेश के श्यामपुर न्याय पंचायत की सोलह ग्रामसभाओं में गेहूं और सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है लेकिन लॉकडाउन के चलते किसान फसल काटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 11:43 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 11:43 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown: खेतों में गेहूं और सरसों की फसल तैयार, लॉकडाउन खुलने का इंतजार
Uttarakhand Lockdown: खेतों में गेहूं और सरसों की फसल तैयार, लॉकडाउन खुलने का इंतजार

ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश के श्यामपुर न्याय पंचायत की सोलह ग्रामसभाओं में गेहूं और सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है, लेकिन लॉकडाउन के चलते किसान फसल काटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसका मुख्य बड़ा कारण फसल मंडाई और ढुलाई के लिए थ्रेशर मशीनों, ट्रैक्टर और ट्रालियों की अनुपलब्धता है। 

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हालांकि, प्रशासन ने कृषि यंत्रों को लाने व लेजाने के लिए छूट प्रदान की है। मगर, लॉक डाउन के कारण किसान कहीं आ-जा नहीं पा रहे हैं, जिससे कृषि यंत्रों का इंतजाम कर पाना संभव नहीं हो रहा है।

तीर्थनगरी के ग्रामीण क्षेत्र का भी तेजी के साथ शहरीकरण हुआ है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि भी बड़ी तेजी से घटती जा रही है। ऋषिकेश तहसील में अब श्यामपुर, खदरी, भल्ला फर्मा, गढ़ी-मचयक, छिद्दरवाला, लाल तप्पड़, रायवाला, हिरपुरकलां आदि क्षेत्रों में ही कृषि हो रही है। 

इसके साथ ही ज्यादातर किसान अब हाथों के बजाय कृषि कार्य के लिए आधुनिक उपकरण पर ही निर्भर हो गए हैं। इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। मगर, कृषि उपकरणों की कमी और अनुपलब्धता के कारण लोग गेहूं की फसल को नहीं काट पा रहे हैं। 

श्यामपुर के खदरी में बंटाई पर खेती करने वाले कृषक फत्तू सिंह, शेखर सिंह और मुन्ना ने बताया कि उन्होंने दिन-रात खेतों में पहरा देकर आवारा पशुओं, हाथी व जंगली जानवरों से फसल को बचाया है। बीच में ओलावृष्टि और बारिश ने भी फसल को नुकसान पहुंचाया। अब जब फसल काटने को तैयार है तो लॉकडाउन हो गया। 

उन्होंने बताया कि वह किराये पर मशीनें व ट्रैक्टर लाकर मंडाई का काम करते हैं। मगर, इन दिनों लॉक डाउन के कारण मशीनें उपलब्ध नहीं हो पा रही है। समाजसेवी विनोद जुगलान ने बताया कि लॉकडाउन का सबसे बड़ा नुकसान छोटी जोत के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि स्थिति ऐसी ही रही और फिर से बारिश हो गयी तो किसानों की पूरी मेहनत पर ही पानी फिर जाएगा।

गांव में अभी तक नहीं पहुंची मशीनें

श्यामपुर के कृषि क्षेत्र खदरी-खड़कमाफ में अभी तक गेहूं की मंडाई के लिए मशीनें नहीं पहुंची हैं। यहां बड़ी जोत वाले किसान ही सबसे पहले थ्रेशर मशीनें लेकर आते हैं। जिसके बाद छोटी जोत के किसान भी इन मशीनों को किराये पर लेकर मंडाई का काम करते हैं। किसान शेखर ने बताया कि अभी तक क्षेत्र में एक भी मशीन नहीं पहुंची है। वह अन्य जगहों से भी मशीनें मंगाते, मगर लॉकडाउन के चलते वह गांव से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं।

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फसल की कटाई और मंडाई में नहीं है रोक 

ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी प्रेमलाल के मुताबिक, कृषि यंत्रों को लाने लेजाने पर कोई रोक नहीं है। लॉकडाउन में अन्य आवश्यक सेवाओं के साथ इन्हें भी छूट दी गई है। किसानों को फसल की कटाई और मंडाई में कोई परेशानी आ रही है तो इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।

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