Uttarakhand Lockdowm: किसानों पर पड़ रही है लॉकडाउन की मार, औने-पौने दाम में बेच रहे उपज
लॉकडाउन की मार स्थानीय किसानों पर भी पड़ रही है। डिमांड घटने के कारण किसानों को मंडी में अपनी उपज औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन की मार स्थानीय किसानों पर भी पड़ रही है। डिमांड घटने के कारण किसानों को मंडी में अपनी उपज औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है। किसानों की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने अब उन्हें सीधे बाजार में सब्जी बेचने की अनुमति देकर कुछ राहत जरूर दी है।
दून में लॉकडाउन के चलते सब्जी की मांग में गिरावट आई है। मंडी में आवक सामान्य है और देश की विभिन्न मंडियों से नियमित रूप से सब्जी निरंजनपुर मंडी पहुंच रही है। ऐसे में फुटकर व्यापारी डिमांड कम होने का हवाला देकर कम मात्र में सब्जी ले जा रहे हैं। जिसका सीधा असर स्थानीय किसानों पर पड़ रहा है।
मंडी के आढ़ती स्थानीय किसानों की उपज लेने में आनाकानी कर रहे हैं। जिससे किसान बेहद कम दाम में ही सब्जी बेचने को मजबूर हैं। अब किसानों को छूट देते हुए प्रशासन ने उन्हें बाजार में अपनी उपज खुद बेचने की अनुमति दे दी है। मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि जिलाधकारी के निर्देश पर मंडी में किसानों के लिए नई व्यवस्था की जा रही है। जिसके तहत किसानों को दोनों विकल्प दिए जा रहे हैं। वे अपनी उपज मंडी में बेचने के साथ ही बाजार में भी बेच सकते हैं। मंडी समिति की ओर से किसानों को सब्जी बेचने के लिए लोडर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
बाजार में मिलेगा उचित दाम
मंडी में औने-पौने दाम पर सब्जी बेचने के बजाय अब किसान मंडी में निर्धारित थोक भाव पर बाहर सब्जी बेच सकते हैं। वे अपने मुनाफे के हिसाब से सब्जी बेच सकते हैं।
जौनसार के किसानों से मंडी में काटी जा रही आढ़त
जौनसार-बावर जन कल्याण विकास समिति लाखामंडल ने विकासनगर व देहरादून मंडी में सब्जी में आढ़त काटने की शिकायत की है। समिति ने जिला प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। समिति ने कहा किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।
जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती लाखामंडल, बोंदूर, बावर, देवघार व जौनसार के कई ग्रामीण इलाकों में इन दिनों मटर का तुड़ान कार्य शुरू हो गया। किसान नकदी फसलों को लोडर वाहनों से विकासनगर व देहरादून मंडी ले जा रहे हैं।
जौनसार-बावर जन कल्याण विकास समिति लाखामंडल की अध्यक्ष बचना शर्मा ने कहा कि किसान दिन-रात खेतों में कड़ी मेहनत से कृषि उपज तैयार करता है। जिसे बेचने के लिए किसानों को गांव से डेढ़ से दो सौ किमी दूर विकासनगर व देहरादून मंडी ले जाना पड़ता है। मंडी में ग्रामीण किसानों से आढ़त काटी जा रही है। जबकि सरकार ने पूर्व में किसानों से मंडी में आढ़त नहीं काटने का भरोसा दिलाया था।
बावजूद इसके जौनसार के किसानों से मंडी में नकदी फसलों पर आढ़त काटी जा रही है। समिति अध्यक्ष ने कहा क्षेत्र के कई किसानों ने मंडी में मटर की फसल ले जाने पर प्रति दहड़ी व कुंतल के हिसाब से तीस रुपये से लेकर सौ रुपये के बीच आढ़त काटने की शिकायत की है। मंडी में आढ़त कटने से छोटे किसान प्रभावित हो रहे हैं।
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समिति ने जिला प्रशासन से मंडी में ग्रामीण किसानों से आढ़त काटने को जल्द रोकने की मांग की। वहीं, विकासनगर मंडी परिषद के सचिव पी कालाकोटी ने कहा मामले में कोई लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। मंडी सचिव ने कहा पूर्व में भी किसानों से आढ़त काटने की शिकायत सामने आई थी। जिसका संज्ञान लेकर मंडी परिषद ने कुछ व्यापारियों पर जुर्माना लगाया था।
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