उत्तराखंड के क्रिकेटरों को बीसीसीआइ से सौगात, अब टीम चयन की चुनौती
उत्तराखंड के क्रिकेट खिलाड़ियों व क्रिकेट प्रेमियों को बीसीसीआइ ने बड़ी राहत दे दी है। हालांकि यहां कंसेंसस कमेटी के लिए टीम का चयन किसी सिरदर्द से कम नहीं है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के क्रिकेट खिलाड़ियों व क्रिकेट प्रेमियों को बीसीसीआइ से बड़ी राहत मिली हैं। बीसीसीआइ ने उत्तराखंड समेत नौ नई टीमों को घरेलू सत्र 2018-19 में शामिल किया हैं। हालांकि उत्तराखंड की टीमों का चयन करना कंसेंसस कमेटी के लिए चुनौती होगी। वहीं, उभरते हुए क्रिकेटरों को अपने राज्य से खेलने का अवसर मिलेगा।
बुधवार को बीसीसीआइ ने 2018-19 के लिए घरेलू सत्र का कैलेंडर सार्वजनिक किया। इस सत्र में बीसीसीआइ ने नौ नई टीमों को शामिल किया है, जिसमें उत्तराखंड भी है। अब उत्तराखंड को बीसीसीआइ से संबद्ध सभी घरेलू टूर्नामेंट खेलने के लिए हरी झंडी मिल गई हैं।
बीसीसीआइ ने रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए सभी नई टीमों को प्लेट ग्रुप में रखा गया है। उत्तराखंड भी इसी ग्रुप में शामिल है। वहीं, विजय मर्चेट ट्रॉफी के लिए उत्तराखंड को सेंट्रल जोन में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, राजस्थान के साथ शामिल किया हैं।
ये टूर्नामेंट खेलेंगी उत्तराखंड की टीम
विजय हजारे ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी, वीणू माकंड ट्रॉफी, कोच विहार ट्रॉफी, विजय मर्चेट ट्रॉफी, सीनियर वूमेंस वनडे लीग, सीनियर वूमेंस टी-20 लीग, वूमेंस अंडर-23 टी-20 लीग, वूमेंस अंडर 23 वनडे लीग, वूमेंस अंडर-19 टी-20 लीग, वूमेंस अंडर-19 वनडे।
लीग टीमों के चयन को लिए करनी होगी माथापच्ची
22 जून को हुई बीसीसीआइ की आम सभा में उत्तराखंड के रणजी ट्रॉफी खेलने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में भी कुछ साफ नहीं हो सका। ऐसे में उत्तराखंड को इस साल बीसीसीआइ से संबद्ध क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने की उम्मीद धूमिल हो रही थी, लेकिन अब बीसीसीआइ के घरेलू कैलेंडर में उत्तराखंड के शामिल होने से राज्य के खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिली है।
अब कंसेंसस कमेटी को टीम चयन के लिए माथापच्ची करनी होगी। क्योंकि राज्य में अभी पूर्ण रूप से कंसेंसस कमेटी का गठन भी नहीं हो पाया हैं। कंसेंसस कमेटी के लिए भेजे गए नामों पर दो एसोसिएशनों को तो स्वीकृति मिल गई है, लेकिन अन्य दो एसोसिएशनों को अभी स्वीकृति का इंतजार है। ऐसे में अभी तक कमेटी का गठन नहीं होना भी चिंता का विषय है।
ये चुनौतियां भी हैं सामने
एक सितंबर से बीसीसीआइ घरेलू सत्र कैलेंडर के खेल शुरू हो जाएंगे। इससे पहले ही राज्य को अपनी सभी वर्गो की टीमों का चयन कर सूची बीसीसीआइ को सौंपनी होगी। इतने कम समय में टीमों का चयन करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
ये करना होगा
-राज्य के सभी जिलों में ट्रायल सुनिश्चित कराना होगा।
-राज्य में सीनियर वर्गो के टूर्नामेंट ना होने से सीनियर वर्गो की टीम का चयन
-क्रिकेट संघों के बीच आपसी खींचतान को समाप्त करना
-दूसरे राज्यों से खेल रहे सीनियर खिलाड़ी की वापसी कराना
इन टीमों का होगा चयन
-पुरुष सीनियर, पुरुष अंडर-23, पुरुष अंडर-19, पुरुष अंडर-16 - महिला सीनियर, महिला अंडर-23, महिला अंडर-19।
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