Uttarakhand Vidhan sabha Winter Session: महंगाई पर बिफरी कांग्रेस, सदन से वॉकआउट
Uttarakhand Vidhan sabha Winter Session उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने सड़क से लेकर सदन तक प्रदर्शन किया। सदन में कांग्रेस विधायकों ने गले में प्याज की माला और हाथों में रसोई गैस सिलेंडर के प्ले कार्ड प्रदर्शित कर विरोध जताया। सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने कहा कि आसमान छूती महंगाई को थामने में अभी तक सरकार नाकाम रही है। ऐसे में आमजन का जीना दुश्वार हो गया है। हालांकि, सरकार की ओर से जवाब देते हुए इस सत्र के लिए संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा संभाल रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि महंगाई समवर्ती सूची का विषय है। राज्य में कीमतों पर अंकुश को उठाए गए सरकार के कदम पूरी तरह सफल रहे हैं। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बुधवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर नियम 310 (सभी कामकाज रोककर चर्चा) में चर्चा की मांग की और वेल में आकर प्रदर्शन किया। इस मुद्दे को नियम-58 की ग्राह्यता पर सुनने के पीठ के आश्वासन पर विपक्ष शांत हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि आर्थिक मंदी के दौर में महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ दी है।
प्याज, लहसुन, दालें, पेट्रो उत्पाद समेत अन्य स्तरों पर गरीबों का जीना मुहाल हो गया है। रियायती दर पर प्याज मुहैया कराने में सरकार नाकामयाब रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह ने महंगाई के पीछे नोटबंदी व जीएसटी से खराब अर्थव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, करन माहरा, हरीश धामी, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, राजकुमार,आदेश चौहान ने भी सरकार को घेरा।
जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने औद्योगिक निवेश, रोजगार, एमएसएमई, सस्ती दाल जैसे कदमों की जानकारी दी। साथ ही पेट्रोल-डीजल, दालें, आटा, चावल की कीमतों की दूसरे राज्यों व शहरों से तुलनात्मक आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार ने महंगाई को काबू में किए रखा है। इसके बाद पीठ ने इस मुद्दे को अग्राह्य कर दिया। तभी नेता प्रतिपक्ष की अगुआई में विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
सदन में पहले दिन नौ विधेयक पेश
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सरकार ने नौ विधेयक सदन में पेश किए। इनमें छह अध्यादेश विधेयक के रूप में और शेष नए विधेयक शामिल हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड, उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग और राज्य खाद्य आयोग के वार्षिक प्रत्यावेदन भी सदन के पटल पर रखे गए।
सदन में दो संशोधन विधेयकों के अधिनियम बनने की जानकारी भी दी गई। सदन में जो अध्यादेश विधेयक के रूप में पेश किए गए, उनमें उत्तराखंड मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन), उत्तराखंड (उप्र जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950)(संशोधन), उत्तराखंड (उप्र लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993) (संशोधन), उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (संशोधन), उत्तराखंड पंचायतीराज (द्वितीय संशोधन) व उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुविधा (आवासीय एवं अन्य सुविधाएं) शामिल हैं।
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पेश किए गए नए विधेयकों में उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) विधेयक, उत्तराखंड राज्य विधानमंडल (अनर्हता निवारण)(संशोधन) विधेयक और उत्तराखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक हैं। इन विधेयकों को कैबिनेट ने हाल में मंजूरी दी थी। सदन में उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक के राज्यपाल की अनुमति के बाद क्रमश: 10वां और 11 वां अधिनियम बनने की सदन को जानकारी दी गई। सदन में उत्तराखंड माल और सेवा कर अधिनियम के उपबंध के अधीन अधिसूचित कठिनाई निवारण आदेश भी सदन के पटल पर रखे गए।
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