किडनी प्रकरण: डेंटल कॉलेज का निदेशक और बिचौलिया पहुंचा जेल
किडनी कांड में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अस्पताल दिलाने वाले बिचौलिए अशोक, उत्तरांचल डेंटल कॉलेज के निदेशक अरुण कुमार पांडेय जेल पहुंचे गए हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: किडनी प्रकरण में पुलिस ने उत्तरांचल डेंटल कॉलेज के निदेशक अरुण कुमार पांडेय व गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल को लीज पर दिलाने में बिचौलिया बने अशोक योगी को भी गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को दोनों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि चार फरार हैं।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि अरुण कुमार पांडेय पुत्र विद्यासागर पांडेय (निवासी 31 गंगोत्री नगर नैनी थाना गंगोत्री नगर इलाहाबाद) उत्तराचंल डेंटल कॉलेज का निदेशक है। देहरादून में वह डी-95 सेक्टर-4 डिफेंस कॉलोनी में रहता है। अरुण के पिता विद्यासागर पांडेय कॉलेज के प्रबंध निदेशक हैं। पूछताछ में अरुण ने बताया कि कॉलेज को वर्ष 2006 में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिली।
वर्ष 2012 तक अस्पताल डेंटल कॉलेज के ही पास रहा। बाद में इसी साल अस्पताल को अशोक योगी पुत्र ओमनाथ योगी (निवासी माजरी पानी की टंकी थाना डोईवाला, देहरादून) को लीज पर दिया गया। योगी यहां ग्लोबल हेल्थ के नाम से अस्पताल चलाने लगा। वर्ष 2016 की शुरुआत में अशोक योगी ने ही उत्तरांचल डेंटल कॉलेज के चेयरमैन दयाशंकर पांडेय से राजीव चौधरी की मुलाकात कराई थी।
इसके बाद अस्पताल को पांच लाख रुपये प्रतिमाह की लीज पर राजीव चौधरी को दे दिया गया। इस बीच अशोक योगी और राजीव चौधरी के मित्र डॉ.अमित राऊत के बीच भी दोस्ती हो गई। अरुण के अनुसार इसी वर्ष जुलाई में जब अस्पताल शुरू हुआ तो विदेशी मरीजों के आने सिलसिला भी शुरूहुआ। उसने दावा किया कि उसे शक तो तभी हो गया था कि यहां गैरकानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। इस पर उसने अमित राऊत से आपत्ति भी जताई, लेकिन अमित ने लीज की रकम के अलावा उसे अलग से 10 से 12 लाख रुपये दिए। हालांकि पुलिस से पूछताछ में डॉ. अमित ने आरोप लगाया था कि लीज के एवज में अरुण ने उससे लाखों रुपये ऐंठे। पुलिस ने अरुण पांडेय के पास से लीज के पेपर भी बरामद किए हैं।
प्रॉपर्टी डीलर है योगी
अशोक योगी कहने को तो होम्योपैथी का डाक्टर है, लेकिन पुलिस को वह कोई डिग्री नहीं दिखा सका। सख्ती से पूछताछ में कबूल किया कि उसके पास डाक्टर की कोई डिग्री नहीं है। एसएसपी ने बताया कि योगी प्रापर्टी डीलर है और साथ में पंडिताई भी करता है।
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