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सुभारती मेडिकल कॉलेज से दो माह का रिकॉर्ड तलब, जानिए वजह

सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से चिकित्सा विभाग ने पिछले दो महीने का रिकॉर्ड तलब किया है। साथ ही अस्पताल में आने वाले मरीजों को अब भर्ती नहीं किया जाएगा।

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 03:55 PM (IST)
सुभारती मेडिकल कॉलेज से दो माह का रिकॉर्ड तलब, जानिए वजह
सुभारती मेडिकल कॉलेज से दो माह का रिकॉर्ड तलब, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से पिछले दो माह का रिकॉर्ड तलब किया है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को अब भर्ती नहीं किया जाएगा। कॉलेज में चल रहा निर्माण बंद करने के निर्देश भी अधिकारियों ने दिए हैं। इसके अलावा कॉलेज और अस्पताल में आने-जाने वाले वाहनों की नियमित चेकिंग होगी, जिससे कोई सामान या दस्तावेज कॉलेज से बाहर ना जा सके।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज राज्य सरकार के अधीन हो गया है। रविवार को एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. हेमचंद्र पाडेय, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवीन थपलियाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, संयुक्त निदेशक संजय गौड़ और डॉ. जेडी गोगोई ने यहां निरीक्षण किया। रविवार की छुट्टी होने के कारण टीम को कोई दस्तावेज नहीं मिल सके। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन से सोमवार को सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। पिछले दो माह में कितनी ओपीडी हुई, कितने मरीज भर्ती हुए और ऑपरेशन हुए। इन सभी जानकारियों के साथ ही फैकल्टी, स्टाफ और छात्रों का भी डाटा मांगा गया है। वहीं पैरामेडिकल छात्रों की डिग्रियों को पैरामेडिकल काउंसलिंग से मान्यता है या नहीं, इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग पैरामेडिकल काउंसिल से रिपोर्ट लेगा। 
निर्माण कॉलेज का है, तो होगा बंद 
निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि बिल्डिंग के बाहरी हिस्से में निर्माण कार्य चल रहा है। जिस पर पुलिस को इस विषय में जानकारी लेने को कहा गया है। जिससे पता चले कि निर्माण किसके द्वारा किया जा रहा है। निर्माण कॉलेज का होने पर इसे तत्काल बंद कराने को कहा गया है। 
आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग 
पुलिस से कहा गया है कि कॉलेज और अस्पताल आने-जाने वाले वाहनों की नियमित चेकिंग करे, जिससे कोई सामान या दस्तावेज कॉलेज से बाहर ना जाए। मरीजों और एंबुलेंस को इसमें रियायत दी गई है। मेडिकल कॉलेज के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। 
अस्पताल में भर्ती नहीं होंगे मरीज
अस्पताल में आने वाले मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि यहां ओपीडी और इमरजेंसी चलेगी। कोई नया मरीज अब भर्ती नहीं किया जाएगा। किसी मरीज को भर्ती करने की जरूरत है तो उसे दून अस्पताल भेजा जाएगा। यहां कुल 13 मरीज भर्ती हैं। उनमें से एक जच्चा-बच्चा को दून महिला अस्पताल में रेफर किया गया है। नवजात को महिला अस्पताल के निक्कू वार्ड में रखा गया है।

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