सुभारती मेडिकल कॉलेज से दस्तावेज गायब करने की कोशिश
एक अंजान व्यक्ति ने एसएसपी को फोन कर बताया कि सुभारती मेडिकल कॉलेज परिसर में खड़ी एक सफेद रंग की कार में दस्तावेज रखकर बाहर ले जाने की कोशिश हो रही है।
देहरादून, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील किए गए सुभारती मेडिकल कॉलेज से अब महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब करने की कोशिश की जा रही है। शनिवार को एक अंजान व्यक्ति ने एसएसपी को फोन कर बताया कि कॉलेज परिसर में खड़ी एक सफेद रंग की कार में दस्तावेज रखकर बाहर ले जाने की कोशिश हो रही है। एसएसपी ने प्रेमनगर पुलिस को मौके पर भेजा और कॉलेज से बाहर जा रही गाड़ी को रोककर जांच की।
शुक्रवार को सुभारती मेडिकल कॉलेज का राज्य सरकार ने अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद से कॉलेज प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर कॉलेज के छात्रों ने अभिभावकों को बताया कि कॉलेज से कुछ लोग दस्तावेज गायब करने की कोशिश कर रहे हैं। अभिभावकों ने इस बात की जानकारी एसएसपी निवेदिता कुकरेती को दी। एसएसपी ने एसओ प्रेमनगर दिलबर सिंह नेगी को मौके पर जाकर यथास्थिति का पता लगाने और कॉलेज से कोई दस्तावेज या सामान बाहर न जाने देने की हिदायत दी। इसके बाद मय फोर्स पहुंची पुलिस ने कॉलेज के गेट को बंद कर दिया और भीतर खड़ी सफेद रंग की एक गाड़ी को चेक किया। बताया जा रहा है कि इसमें कॉलेज के कुछ दस्तावेज रख लिए गए थे, जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया। एसएसपी ने बताया कि सुभारती मेडिकल कॉलेज का राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिए जाने के बाद वह सरकार की संपत्ति हो गई है। ऐसे में अब कोई भी दस्तावेज या सामग्री बाहर नहीं जा सकती है। कॉलेज के सभी गेट पर सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
सुभारती से दून अस्पताल लाए जाएंगे गंभीर मरीज
श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों को दून अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपचार देने की जिम्मेदारी अब सरकार की है। इसीलिए दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा को कहा गया है कि गंभीर मरीजों या जिस मरीज को यहां उपचार ना दिया जा सके, उसे दून अस्पताल में ले जाया जाए। डॉ. टम्टा ने बताया कि अस्पताल में कुल 11 मरीज अभी भर्ती हैं। इनमें सात जनरल वार्ड और चार आइसीयू में भर्ती है।
दवा न मिलने का आरोप
सुभारती मेडिकल कॉलेज में अब तमाम तरह की बातें सामने आ ही हैं। अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों ने आरोप लगाया कि वहां दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। डॉ. टम्टा ने बताया कि अस्पताल का पुराना स्टाफ काम कर रहा है। दून अस्पताल के दो चिकित्सक की ड्यूटी वहां लगाई गई थी। मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। जो दवा नहीं होगी उसे दून से भेजा जाएगा।
पैरामेडिकल के छात्रों ने प्राचार्य को बताई समस्या
रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को प्राचार्य डॉ. राजेश मिश्र से मिला। छात्रों ने कहा कि उन्होंने पैरामेडिकल काउंसिल से विवि के बारे में जानकारी ली है। वहां पता चला कि विवि पंजीकृत नहीं है। ऐसे में उनकी डिग्रियां कहां से मान्य होंगी, इस पर स्थिति स्पष्ट की जाए। छात्रों ने बताया कि उनकी 22 दिसंबर तक सर्दियों की छुट्टियां कर दी गई हैं। सवाल उठाया कि पहले इतनी जल्दी छुट्टियां नहीं होती थीं। यह प्रबंधन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है।
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