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    रिश्वत के मामले में यूजीबी के असिस्टेंट मैनेजर समेत दो को सजा

    By Edited By:
    Updated: Sat, 16 Nov 2019 12:06 PM (IST)

    उधमसिह नगर जिले में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक गदरपुर की शाखा के असिस्टेंट मैनेजर और चपरासी को विशेष न्यायाधीश सीबीआइ सुजाता सिंह की अदालत ने रिश्वतखोरी में सजा सुनाई।

    रिश्वत के मामले में यूजीबी के असिस्टेंट मैनेजर समेत दो को सजा

    देहरादून, जेएनएन। उधमसिह नगर जिले में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक गदरपुर की शाखा के असिस्टेंट मैनेजर और चपरासी को विशेष न्यायाधीश सीबीआइ सुजाता सिंह की अदालत ने रिश्वतखोरी में सजा सुनाई। असिस्टेंट मैनेजर को सात साल कठोर कारावास व तीस हजार रुपये अर्थदंड तथा चपरासी को पांच साल कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआइ ने बैंक के असिस्टेंट मैनेजर को 18 सितंबर को 2018 को लोन की रकम रिलीज करने के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। जांच में चपरासी की भी मिलीभगत सामने आई थी। 

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    सीबीआइ के अधिवक्ता सतीश कुमार ने अदालत को बताया कि गदरपुर क्षेत्र के ही गाडा माजरा निवासी रूपचंद ने वर्ष 2018 में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की गदरपुर शाखा से 2.40 लाख रुपये का डेयरी लोन लिया था। यह लोन करीब 15 दिन पहले पास हो चुका था। इस राशि को केवल रूपचंद के खाते में ट्रासफर किया जाना था। 

    बैंक के असिस्टेंट मैनेजर विपिन चंद्र आर्य ने रूपचंद को ऋण और सब्सिडी की दूसरी किस्त देने के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। ऋण की किश्त की आड़ में रिश्वत की माग किए जाने पर रूपचंद ने सीबीआइ में शिकायत कर दी। साथ ही असिस्टेंट मैनेजर से मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकार्डिग भी सीबीआइ को सुनाई और बतौर साक्ष्य उसकी सीडी भी उपलब्ध कराई। 

    मामला सही पाए जाने पर ट्रैप की योजना बनाते हुए सीबीआइ ने रूपचंद को 18 सितंबर 2018 को रिश्वत देने के लिए बैंक भेजा। जब रुपचंद ने रिश्वत की रकम लेने के लिए असिस्टेंट मैनेजर को फोन किया तो उसने अपने चपरासी सुदेश कुमार को भेज दिया। रूपचंद ने उसे पैसे नहीं दिए तो अपने एक परिचित को भेजा, शिकायतकर्ता ने जब उसे भी पैसे नहीं दिए तो वह खुद अपने चैंबर से निकल कर बैंक के बाहर आया और रूपचंद से रिश्वत लेकर वापस बैंक में दाखिल हो गया। 

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    इसके बाद पुलिस ने रकम समेत असिस्टेंट मैनेजर और उसके चपरासी को गिरफ्तार कर लिया। चपरासी सुदेश पर सीबीआइ ने असिस्टेंट मैनेजर विपिन चंद्र आर्य के कहने पर रिश्वत की रकम इकट्ठा करने का आरोप लगाया। सीबीआइ ने सुनवाई के दौरान कुल 11 गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक भी गवाह पेश नहीं हुआ। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि अर्थदंड अदा न करने पर विपिन चंद्र आर्य को छह माह और सुदेश कुमार को पांच माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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