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शिक्षकों की मांग, अनुकंपा के आधार पर किए जाएं तबादले

राज्य सरकार ने कोरोनाकाल का हवाला देते हुए इस साल तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया है। यह आदेश जारी होने के बाद से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। लेकिन शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके शिक्षकों के परिवार की समस्याएं समझी हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 04:14 PM (IST)
शिक्षकों की मांग, अनुकंपा के आधार पर किए जाएं तबादले।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य सरकार ने कोरोनाकाल का हवाला देते हुए इस साल तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया है। यह आदेश जारी होने के बाद से शिक्षकों में रोष व्याप्त है, लेकिन शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी ने कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके शिक्षकों के परिवार की समस्याएं समझी हैं। अपर निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने शिक्षा निदेशालय को कोरोना के चलते जान गंवा चुके शिक्षकों के पति/पत्नी को तबादला देने का प्रस्ताव भेजा है। 

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अपर निदेशक ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते कई शिक्षकों की मृत्यु के मामले विभाग के संज्ञान में आए हैं। इनमें से कई शिक्षकों के बच्चे छोटे हैं तो कुछ के परिवारों में अन्य समस्याएं हैं। ऐसे में विभाग को ऐसे शिक्षकों को तबादला एक्ट की धारा 27 (अनुकंपा) के आधार पर स्थानांतरित करने पर विचार करना चाहिए। अपर निदेशक ने कहा कि शुक्रवार को उन्होंने शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव और सुझाव भेज दिया है। निदेशालय की ओर से इस पर जो भी जवाब आते ही उचित कार्रवाई की जाएगी। 

भर्ती की सुस्त प्रक्रिया पर रोष जताया 

प्राथमिक विद्यालयों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया की सुस्त रफ्तार पर डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने आक्रोश व्यक्त किया। उत्तराखंड डायट डीएलएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन मुस्यूनी ने कहा कि कोरोनाकाल में जहां एक तरफ निजी विद्यालयों के बच्चे ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा ले रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ राजकीय प्राइमरी विद्यालय में पढ़़ रहे बच्चों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। अगर समय पर प्राथमिक विद्यालयों में युवा शिक्षकों की भर्ती हो जाती तो घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में मदद मिल सकती थी। नवंबर 2020 में प्राथमिक शिक्षक भर्ती का सभी जनपदों के लिए कैंलेडर के साथ विज्ञापन जारी किया गया था।

माह अप्रैल तक रिक्त पदों की डाटा एंट्री पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन मई माह के खत्म होने के बाद भी कई जिलों में यह काम नहीं हो सका है। शिक्षा निदेशालय से इस मामले की शिकायत करने पर अधिकारियों ने इसे जिले का मामला बता दिया। उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि अधिकारी एक दूसरे पर काम टालने को तैयार हैं। पर, शिक्षक भर्ती जल्दी हो सके इसके लिए कोई प्रयास नहीं करना चाहता। उन्होंने जून के प्रथम सप्ताह तक हर हाल में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की। 

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