Uttarakhand: कमरे में सोते समय तीन श्रमिकों की मौत, LPG लीक होने से दम घुटने की आशंका
उत्तराखंड के त्यूणी तहसील स्थित भूठ गांव में एक हृदयविदारक घटना हुई। भवन निर्माण के लिए आए तीन श्रमिकों की कमरे में सोते समय संदिग्ध परिस्थितियों में ...और पढ़ें

भूठ गांव में तीन श्रमिकों की हुई मौत।
संवाद सूत्र, जागरण, त्यूणी (देहरादून): सीमांत तहसील क्षेत्र के भूठ गांव में भवन निर्माण के सिलसिले में मजदूरी करने आए तीन श्रमिकों की कमरे में सोते समय संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत सिलिंडर से रसोई गैस लीक होने के कारण दम घुटने से हुई। तीनों श्रमिक स्थानीय निवासी हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने जब किसी प्रकार कमरे का दरवाजा खोला तो उसमें से रसोई गैस की गंध आ रही थी और तीनों श्रमिक मृत पड़े थे।
उधर, पीएचसी त्यूणी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. नरेंद्र राणा का कहना है कि यदि श्रमिकों को कुछ दूषित भोजन करने से फूड प्वाइजनिंग होती तो मौत से पहले उन्हें उल्टी जरूर होती, मगर इस मामले में ऐसा नहीं है।
जहां तक रसोई गैस के रिसाव के कारण दम घुटने से मौत का सवाल है, इसका स्पष्ट जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दिया जा सकता है।
मृत श्रमिकों की पहचान दो सगे भाई 35 वर्षीय प्रकाश और 25 वर्षीय संजय पुत्रगण केवलराम निवासी डिरनाड तहसील त्यूणी और 25 वर्षीय संदीप पुत्र जमनू निवासी पटियूड तहसील त्यूणी के रूप में हुई है। उधर, पुलिस ने इस संबंध में स्थानीय लोगों से पूछताछ की है।
बताया जाता है कि गांव के प्रधान अमित राणा के घर में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है। मामले से संबंधित श्रमिक मकान के निर्माण कार्य के लिए यहां आए थे। ग्राम प्रधान ने उनके रहने की व्यवस्था गांव से कुछ दूर स्थित पुराने स्कूल के कमरे में की थी।
शनिवार रात भोजन करने के बाद तीनों श्रमिक कमरा बंद कर सो गए। इस बीच रसोई गैस सिलिंडर से गैस लीक होने लगी और रविवार सुबह तीनों श्रमिक कमरे में मृत पाए गए। प्रधान अमित राणा ने इसकी सूचना तहसील प्रशासन को सुबह करीब दस बजे फोन कर दी।
सूचना के करीब पांच घंटे बाद तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मौजूदगी में कमरे के अंदर दाखिल हुए। कमरे के अंदर का दृश्य देख उनके होश उड़ गए।
ग्रामीणों की मदद से तीनों श्रमिकों को सरकारी अस्पताल त्यूणी पहुंचाया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। नायब तहसीलदार सरदार सिंह राणा ने बताया कि श्रमिकों की मौत के असल कारणों की जांच की जा रही है।
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