गैरसैंण में सबसे अधिक चला शीतकालीन सत्र
काबीना मंत्री मदन कौशिक ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में 2014 से लेकर अब तक चले तीन सत्रों के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इस बार सदन सबसे अधिक अवधि तक चला।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: गैरसैंण में शीतकालीन सत्र को लेकर विपक्ष के सवालों पर सरकार ने पलटवार किया। शासकीय प्रवक्ता एवं काबीना मंत्री मदन कौशिक ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में 2014 से लेकर अब तक चले तीन सत्रों के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इस बार सदन सबसे अधिक अवधि तक चला। उन्होंने कहा कि सत्र में सरकार की ओर से तो पूरा बिजनेस दिया गया, लेकिन विपक्ष ने सवाल पूछने में भी भारी कंजूसी की। 80 फीसद सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों ने उठाए, जो साबित करता है कि विपक्ष को जनसमस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय में बुधवार शाम पत्रकारों से बातचीत में काबीना मंत्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की ओर से दो दिन सत्र निबटाए जाने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हकीकत ये है कि सदन चलाने को लेकर विपक्ष संजीदा था ही नहीं। विपक्ष चाहता तो सत्र लंबा खिंच सकता था। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में भराड़ीसैंण में दो सत्र चले। जून 2014 में हुए सत्र में पांच दिन का एजेंडा रखा गया था, मगर सदन चला सिर्फ छह घंटे पांच मिनट। नवंबर 2015 में सत्र सिर्फ छह घंटे 55 मिनट ही चल पाया।
इस लिहाज से देखें तो मौजूदा सरकार का शीतकालीन सत्र 10 घंटे 10 मिनट चला। बिजनेस के लिहाज से भी यह सत्र बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि विपक्ष को आलोचना करने की बजाए अपने बेहतर प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए, ताकि उसके विधायक जनसमस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने कहा कि इस सत्र माध्यम से सरकार ने संदेश भी दिया कि मौसम की दुश्वारियों के बावजूद गैरसैंण में सत्र आयोजित किया जा सकता है।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि गैरसैंण मसला भावना प्रधान है।
पिछली सरकार ने विधानभवन आदि का निर्णय लिया तो भाजपा ने सहयोग किया, लेकिन तब सरकार ने औचित्य साफ नहीं किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार इस मसले पर गंभीर है और भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण पर सरकार असमंजस नहीं रहने देगी और जल्द निर्णय लेगी।
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