दुकानों में घपलों के लिए पूर्व सीएम भी जिम्मेदार: चैंपियन
भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने हरिद्वार में दुकानों की नीलामी के घपले में निलंबित जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी के साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत को भी जिम्मेदार बताया।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने हरिद्वार जिले में दुकानों की नीलामी में घपले के आरोप में निलंबित हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देहरादून में पूर्व विधायक शहजाद के साथ ही जिला पंचायत के कार्यों के निर्वहन को गठित समिति के सदस्यों की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत में चैंपियन ने कहा कि निलंबित जिपं अध्यक्ष ने सिंडीकेट के तौर पर कार्य किया।
उन्होंने घोटालों के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने प्रकरण की गहन जांच पर भी जोर दिया और कहा कि इस बारे में वह जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलेंगे।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में हुई प्रेस कांफ्रेंस में विधायक चैंपियन ने कहा कि शासन ने हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष को भगवानपुर और ज्वालापुर में दुकानों की नीलामी में करोड़ों के घपले की पुष्टि के बाद निलंबित किया है।
जिला पंचायत के कार्यों व दायित्वों के निर्वहन को तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति में जिला पंचायत सदस्य देवयानी सिंह, सत्तार व अमीलाल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन के दरम्यान समिति ने अभिलेखों की पड़ताल की तो प्रथम दृष्ट्या तमाम मामलों में करोड़ों के घपले की बात सामने आई है। बिना कार्य के चहेतों को भुगतान कर बजट को ठिकाने लगाया गया।
उन्होंने कहा कि निलंबित अध्यक्ष के अब तक के कार्यकाल में हुए कार्यों की गहनता से जांच कराई जाए तो पंचायतों में यह देश का सबसे बड़ा घोटाला निकल सकता है। उन्होंने कहा कि ये घपले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुआई में हुए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे। मुख्यमंत्री का जैसा भी निर्देश होगा, उसी के अनुसार कदम उठाए जाएंगे।
घपले साबित न हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा: शहजाद
इस मौके पर पूर्व विधायक शहजाद ने हरिद्वार जिले में भगवानपुर, ज्वालापुर, निरंजनपुर, रोशनाबाद, लालढांग, मुस्तफाबाद, सलेमपुर, इमलीखेड़ा समेत अन्य स्थानों पर दुकानों के निर्माण, आवंटन और सड़कों को लेकर एक दर्जन घपलों की फेहरिश्त पेश की।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में 40 से 60 करोड़ रुपये के घपले का अनुमान है। गहनता से जांच होने पर यह आंकड़ा कहीं आगे जा सकता है। यह भी कहा कि यदि घपले साबित न हुए तो वे सियासत छोड़ देंगे। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि न तो वे किसी दल का साथ दे रहे और न किसी दल में जाने की इच्छा है, वह तो इस लड़ाई में ईमानदार लोगों का साथ दे रहे हैं।
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