Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    शिक्षा के मंदिर में शर्मनाक हरकत: छात्रा की ड्रेस पर शिक्षक ने किया भद्दा कमेंट, कैंसिल हुई स्कूल की एनओसी

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 12:55 PM (IST)

    उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने निजी स्कूलों से जुड़े गंभीर मामलों की सुनवाई की। इसमें सीजेएम स्कूल में छात्रा की ड्रेस पर टिप्पणी और लूसेंट स्कू ...और पढ़ें

    Hero Image

    बाल आयोग ने विभिन्न निजी शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के अधिकारों को लेकर अपनाया कड़ा रुख. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना की अध्यक्षता में निजी विद्यालयों से जुड़े कई गंभीर मामलों की सुनवाई की गई। जिसमें प्रमुख रूप से कान्वेंट आफ जीजस एंड मैरी (सीजेएम) एंड मैरी में छात्रा की ड्रेस पर टिप्पणी करने और लूसेंट स्कूल न बिना पंजीकरण छात्रों के दाखिले पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयोग ने स्पष्ट किया कि बाल अधिकारों, शिक्षा की निरंतरता और संस्थानों की वैधानिकता से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    सीजेएम में छात्रा की ड्रेस पर टिप्पणी करने पर भी शिक्षक पर कार्रवाई नहीं

    बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कान्वेंट आफ जीसस एंड मैरी की एक छात्रा की अस्मिता से जुड़ी शिकायत पर सुनवाई की। जिसके अनुसार एक शिक्षक ने छात्रा की ड्रेस पर भद्दी टिप्पणी की थी। छात्रा ने जब प्रधानाचार्य से शिकायत की तो उन्होंने शिक्षक पर कार्रवाई कर्ण की जगह प्रकरण को रफा दफा कर दिया। जिससे छात्रा अवसाद में आ गई।

    आयोग ने स्कूल को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा था, लेकिन स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। इसे गंभीर मानते हुए आयोग ने अब 17 जनवरी को बीईओ कार्यालय से संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अध्यक्ष खन्ना ने कहा कि चूंकि बालिका की कक्षा 12वीं की परीक्षा निकट है, इसलिए उसकी पढ़ाई प्रभावित न हो, लिहाजा उसे वीडियो कालिंग के माध्यम से सुनवाई से जोड़ने के निर्देश दिए गए।

    बिना पंजीकरण छात्रों के दाखिले पर लूसेंट विद्यालय की एनओसी निरस्त

    लूसेंट विद्यालय का मामला भी आयोग के समक्ष आया, जहां पूर्व वर्षों में बिना पंजीकरण छात्रों को विद्यालय में रखा गया था। उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से कुछ छात्रों को परीक्षा की अनुमति मिली थी, लेकिन इसके बाद भी विद्यालय ने शिक्षा विभाग के नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया और न ही प्रबंधन समिति सुनवाई में उपस्थित दर्ज कराई।

    शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने विद्यालय की एनओसी समाप्त करने के आदेश दिए। साथ ही बीईओ को निर्देशित किया गया कि विद्यालय के बाहर सूचना बोर्ड लगाया जाए, ताकि अभिभावकों को स्थिति की जानकारी मिल सके।

    वहीं, आयोग के समक्ष ब्राइटलैंड्स विद्यालय का मामला भी रखा गया, जिसमें एक छात्र की जबरन स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जारी की गई थी। साथ ही शुल्क वापसी को लेकर आयोग के पूर्व आदेशों का पालन नहीं किया गया था। हालांकि, अब स्कूल ने अपनी त्रुटि दूर कर दी है।

    बिना वैध लीज और पंजीकरण के कैम्ब्रियन हाल स्कूल का संचालन

    कैम्ब्रियन हाल विद्यालय से जुड़े जमीनी विवाद और शिकायतों की सुनवाई में आयोग ने पाया कि विद्यालय बिना वैध लीज़ संचालित हो रहा है तथा संबंधित सोसायटी का पंजीकरण लंबित है। ट्रस्ट भूमि की खरीद–फरोख्त से जुड़े विवाद को आयोग ने अपनी कार्य-सीमा से बाहर बताते हुए नहीं सुना, लेकिन रजिस्ट्रार सोसायटी को एनओसी प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।

    साथ ही शिक्षा विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा गया कि भूमि की वैधता और पंजीकरण की जांच किए बिना एनओसी कैसे जारी की गई। दूसरी तरफ मदरसा जामिया इस्ताफ़तिमातुज़्ज़हारा की सुनवाई के दौरान प्रबंधन समिति व शिक्षक सभी आवश्यक अभिलेखों के साथ उपस्थित हुए। दस्तावेज संतोषजनक पाए जाने पर आयोग ने प्रकरण का निस्तारण कर दिया।

    यह भी पढ़ें- 'कोई बचाने तक नहीं आया', त्रिपुरा की छात्र की हत्या के बाद हंगामा; चाचा ने देहरादून पुलिस पर उठाए सवाल

    यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को सीएम ने दिया तोहफा, नए साल में बढ़ेगी पेंशन; मिलेंगी कई सुविधाएं