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तीन नहीं पांच साल हो अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मानक

राजकीय शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए परीक्षा परिणाम में गिरावट का मानक तीन से पांच साल करने की मांग की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 07:17 PM (IST)
तीन नहीं पांच साल हो अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मानक
तीन नहीं पांच साल हो अनिवार्य सेवानिवृत्ति का मानक

देहरादून, जेएनएन। राजकीय शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए परीक्षा परिणाम में गिरावट का मानक तीन से पांच साल करने की मांग की। बताया जा रहा है कि शिक्षा निदेशक ने शिक्षकों की इस मांग पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

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शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक को 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए केवल एक वर्ग को टारगेट न किया जाए। आचरण नियमावली सभी पर लागू होती है। उसी तरह शिक्षकों के लिए बनाए गए मानकों पर ही अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी वर्ग को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए। शिक्षकों ने स्थानांतरण कानून में पारस्परिक तबादलों को शामिल करने की मांग भी प्रमुखता से उठाई। प्रांतीय अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने कहा कि जब अपनी इच्छा से शिक्षक आपस में पारस्परिक तबादला चाह रहे हैं तो इसे कानून का हिस्सा बनाना चाहिए।

उन्होंने गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों के तबादले जल्द किए जाने की मांग की। शिक्षा निदेशक ने इस पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, प्रदेश में हुए गलत स्थानांतरण को वापस लेने की भी मांग की। डिमरी ने बताया कि निदेशक ने मामले को शासन स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया। वार्ता में संयुक्त निदेशक भूपेंद्र सिंह नेगी, उपनिदेशक नागेंद्र बर्तवाल, कमल किशोर डिमरी, मुकेश प्रसाद बहुगुणा, योगेश घिल्यिाल, दाता राम भट्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

रिकवरी पर लगाई रोक

शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने चयन, प्रोन्नत वेतनमान के मामले में रिकवरी पर भी रोक लगा दी है। संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश भर में चयन-प्रोन्नत वेतनमान प्राप्त कई शिक्षकों से रिकवरी की जा रही है। कई ऐसे शिक्षक भी कार्रवाई की जद में आ गए हैं, जिनसे रिकवरी नहीं होनी चाहिए। शिक्षा निदेशक ने कहा कि अब मामलों की समीक्षा के बाद ही अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे। संघ ने मूल ग्रेड पे 4800 तक के सभी शिक्षक और बाबुओं को अनिवार्य रूप से बोनस का लाभ देने की मांग की।

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आरके कुंवर (शिक्षा निदेशक) का कहना है कि  चयन- प्रोन्नत वेतनमान में शिक्षकों से हो रही रिकवरी पर रोक लगा दी गई है। इसके दोबारा समीक्षा होने के बाद अग्रिम आदेश दिए जाएंगे। अनिवार्य सेवानिवृति के मानक अभी विचाराधीन हैं। 

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