यहां अगर एक साथ दो इंजीनियर कॉलेजों में पढ़ाया, तो होगी कड़ी कार्रवाई; जानिए
एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य तकनीकी संस्थानों को आगाह किया है कि शिक्षकों को एक समय में दो संस्थानों में पढ़ाने की अनुमति नहीं है।
देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआइसीटीई) ने इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य तकनीकी संस्थानों को आगाह किया है कि शिक्षकों को एक समय में दो संस्थानों में पढ़ाने की अनुमति नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो संस्थानों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने देश के सभी संस्थानों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि एक समय में दो संस्थानों में पढ़ाने से न केवल शिक्षा प्रभावित होती है, बल्कि यह अनुमोदन की शर्तों का भी उल्लंघन है। एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक/प्राचार्य को लिखे पत्र में कहा कि एआइसीटीई को जानकारी मिली है कि तकनीकी परिषद से अनुमोदन (ईओए) मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा कार्यक्रम या पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले कुछ संस्थान ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि शिक्षक एक ही समय में एक ही मूल संस्थान की दो शाखाओं में या अन्य संस्थान में पढ़ाते हैं। परिषद ने चेताया कि ऐसा पाए जाने पर कॉलेज को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा या उसको दी गई अनुमति (ईओए) भी वापस ले ली जाएगी।
राज्य में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) से संबद्ध 98 इंजीनियरिंग कॉलेज में जिनमें 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। इन 98 कॉलेजों में से नौ राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। उत्तराखंड में राजकीय क्षेत्र के संस्थानों को छोड़कर कुछ निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस प्रकार की शिकायत आती हैं। लेकिन अब अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को अगर ऐसे संस्थानों की शिकायत मिली तो उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
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