उत्तराखंड में जंगलों की आग ने तोड़ा रिकॉर्ड, इसबार हुआ इतना नुकसान
उत्तराखंड के जंगलों में 2009 से अब तक के वक्फे को ही देखा जाए तो इस बार आग की 2008 घटनाओं में 4271.486 हेक्टेयर जंगल तबाह हुआ। ...और पढ़ें

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड के जंगलों को इस मर्तबा आग ने खासा नुकसान पहुंचाया है। पिछले 10 साल में यह पहला मौका है, जब दावानल से 82.75 लाख रुपये की क्षति आंकी गई है। इससे पहले 2016 में 46.50 लाख का नुकसान हुआ था। इस बार 56.2 हेक्टेयर क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में हुआ पौधरोपण भी खाक हो गया, जिनमें 17520 पौधे लगे थे।
मौसम के साथ देने से भले ही राज्य में जंगलों की आग पर काबू पा लिया गया हो, लेकिन यह वनों को गहरे जख्म भी दे गई। 2009 से अब तक के वक्फे को ही देखें तो इस बार आग की 2008 घटनाओं में 4271.486 हेक्टेयर जंगल तबाह हुआ। इससे हुई क्षति आंकी गई है 8275028 रुपये, जो पिछले 10 सालों में सबसे अधिक है। गढ़वाल क्षेत्र के जंगलों को दावानल ने सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है, जहां 48 लाख से ज्यादा की क्षति का आकलन है।
गढ़वाल में जले सर्वाधिक पौधे
दावानल से 56.2 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया पौधरोपण भी खाक हुआ। इनमें रोपे गए पौधे एक से दो साल के थे। सबसे अधिक 9500 पौधे गढ़वाल क्षेत्र में जले, जबकि शिवालिक क्षेत्र में 8020 पौधे राख हो गए।
10 सालों में दावानल से नुकसान
वर्ष, क्षति (लाख रुपये में)
2018, 82.75 (अब तक)
2017, 18.34
2016, 46.50
2015, 7.94
2014, 4.39
2013, 4.28
2012, 3.03
2011, 0.30
2010, 0.05
2009, 4.79
जंगल की आग (शुक्रवार तक)
क्षेत्र, घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र, क्षति
गढ़वाल, 915, 2482.9, 4809756.5
कुमाऊं, 624, 1254, 2602685
वन्यजीव संगठन, 75, 161.636, 263806
शिवालिक, 394, 372.95, 593338.5
(नोट: क्षेत्र हेक्टेयर और क्षति रुपये में)
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