हार्इकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, जंगलों की आग पर सरकार ने उठाए हैं क्या कदम
उत्तराखंड के जंगलों में लग रही आग को लेकर हार्इकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही पूछा है कि अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: उत्तराखंड के जंगलों में धधकती आग का हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को गुरुवार दोपहर तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने दैनिक जागरण में 22 मई को प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है।
दैनिक जागरण ने 22 मई के अंक में उत्तराखंड में धधकते जंगल, हाई अलर्ट, अधिकारी-कर्मचारियों की छुट्टियां रद शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जागरण ने पूरे राज्य में जंगलों की आग की घटनाओं पर समग्र समाचार भी प्रकाशित किया था। गढ़वाल व कुमाऊं में जंगलों की आग की घटनाओं को अखबार ने प्राथमिकता दी थी। वन्य जीवों पर आग से पड़े प्रभावों का उल्लेख किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने बुधवार को इसका संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा है कि दावानल नियंत्रण के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने इन दी मैटर ऑफ प्रोटेक्शन फॉरेस्ट एरिया, फॉरेस्टर वेल्थ और वाइल्ड लाइफ स्टेट ऑफ उत्तराखंड नाम से जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में सुनवाई गुरुवार अपराह्न दो बजे निर्धारित है।
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