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उत्तराखंड में गरजे एससी-एसटी कर्मचारी, कहा- कानून बनाकर पदोन्नति में आरक्षण हो बहाल

एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन ने रविवार को राजधानी के पवेलियन ग्राउंड समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 08:26 PM (IST)
उत्तराखंड में गरजे एससी-एसटी कर्मचारी, कहा- कानून बनाकर पदोन्नति में आरक्षण हो बहाल
उत्तराखंड में गरजे एससी-एसटी कर्मचारी, कहा- कानून बनाकर पदोन्नति में आरक्षण हो बहाल

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड एससी-एसटी इम्पलाइज फेडरेशन ने रविवार को राजधानी के पवेलियन ग्राउंड समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से कानून बनाकर पदोन्नति में आरक्षण बहाल करने की मांग की। वहीं, सीधी भर्ती में पुरानी रोस्टर व्यवस्था को यथावत रखने की भी मांग दोहराई।  

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फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष करमराम ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण अनुसूचित जाति और जनजाति का संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने जब साफ कर दिया है कि पदोन्नति में आरक्षण राज्य सरकार का विषय है तो भी वह एससी-एसटी कर्मियों के हक में फैसला लेने में विलंब क्यों किया जा रहा है, जबकि इंदु कुमार कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट किया जा चुका है कि राज्य में सरकारी सेवाओं में एससी-एसटी वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। उन्हें पदोन्नति में आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए।

उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार ने उनके हक में फैसला नहीं लिया तो वह आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। धरने को जिला उपाध्यक्ष रणवीर सिंह तोमर, मुख्य विधि सलाहकार कांता प्रसाद, चंद्रशेखर, राम सिंह तोमर, कमलेश, रमन, आशा टम्टा ने भी संबोधित किया। फेडरेशन की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा गया। धरने का संचालन जितेंदर बुटोइया ने किया। इस दौरान लेखराज, गंभीर सिंह तोमर, जगदीश चंद्र छिमवाल, ध्यान सिंह प्रीति समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।

ओबीसी के आरक्षण का बढ़े कोटा

फेडरेशन ने राजकीय सेवाओं में ओबीसी के आरक्षण का कोटा बढ़ाने की मांग की। जिलाध्यक्ष शिवलाल गौतम ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को राजकीय सेवाओं में 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए। वहीं, उन्हें पदोन्नति में भी आरक्षण दिया जाएगा। 

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संविदा कर्मी को भी मिले आरक्षण

फेडरेशन ने पदोन्नति में आरक्षण का दायरा बढ़ाते हुए संविदा, आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों को भी आरक्षण का शत-प्रतिशत लाभ देने की मांग की है। वहीं, बैकलॉग के रिक्त पदों को विशेष अभियान चलाकर भर्ती करने की मांग की गई।

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यह है मांग

- पदोन्नति में आरक्षण तत्काल बहाल किया जाए।

- सीधी भर्ती में पुरानी रोस्टर व्यवस्था यथावत रखी जाए।

- नौ नवंबर 2000 को एससी-एसटी रोस्टर शून्य मानते हुए वहीं से रोस्टर प्रारंभ किया जाए।

- शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े ओबीसी वर्ग का आरक्षण में कोटा बढ़ाया जाए।

- बैकलॉक के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए।

- संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को भी आरक्षण अधिकार मिले।

- पुराने रोस्टर के अनुसार ही डीपीसी खोली जाएगी।

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