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    पदोन्नति में आरक्षण का विरोध तेज, दो मार्च को देशभर में होगा प्रदर्शन

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sun, 23 Feb 2020 04:52 PM (IST)

    पदोन्नति में आरक्षण के विरोध की आग अब उत्तराखंड से निकलकर देश के अन्य राज्यों में पहुंच गई है।

    पदोन्नति में आरक्षण का विरोध तेज, दो मार्च को देशभर में होगा प्रदर्शन

    देहरादून, जेएनएन। पदोन्नति में आरक्षण के विरोध की आग अब उत्तराखंड से निकलकर देश के अन्य राज्यों में पहुंच गई है। शनिवार को दिल्ली में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों के संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में फैसला लिया गया कि दो मार्च को सभी प्रदेशों की राजधानी में अखिल भारतीय समानता मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, उत्तराखंड में जनरल-ओबीसी कर्मचारी दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। 

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    अखिल भारतीय समानता मंच, उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारियों के आह़्वान पर शनिवार को देश भर के कर्मचारी संगठनों के नेता दिल्ली पहुंचे। सर्वजन हिताय रक्षण समिति उत्तर प्रदेश, सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) मध्य प्रदेश, जनरल कैटेगरी इंप्लाइज फेडरेशन पंजाब, अहिम्सा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिकसिटी ओसी इंप्लाइज  वेलफेयर एसोसिएशन, तेलंगाना इलेक्ट्रिकसिटी ओसी इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन समेत कई अन्य राज्यों के कर्मचारी संगठनों के साथ हुई बैठक में पदोन्नति में आरक्षण के विरोध को लेकर लंबी बात हुई। 

    इसमें मुख्य मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उत्तराखंड में बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल करने में सरकार की ओर से की जा रही हीलाहवाली रहा। समानता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई.एम नागराज ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर पूर्व में कोर्ट का फैसला आया है। जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने न सिर्फ इस व्यवस्था को खत्म कर दिया, बल्कि आरक्षण के आधार पर पदोन्नति पाये लोगों को मूल पदों पर भी भेजा। मगर उत्तराखंड की सरकार सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी निर्णय लेने में कदम पीछे खींच रही है। 

    उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में जनरल-ओबीसी कर्मचारी पिछले चौदह दिन से आंदोलन की राह पर हैं। सामूहिक कार्य बहिष्कार, सचिवालय व मुख्यमंत्री आवास कूच के बाद भी सरकार राजनीतिक नफा-नुकसान देख रही है और कह रही है कि वह इस मसले पर केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रही है। ऐसे अब यह पूरे देश के जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की लड़ाई बन गई है। 

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    मंत्री सबके, क्यों कर रहे हल्ला 

    कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने कहा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान किसी एक वर्ग विशेष के मंत्री नहीं हैं। वह सभी वर्गों और समुदायों की अगुवाई करते हैं, ऐसे में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करने के लिए आगे आना चाहिए। ताकि आरक्षण की विष बेल को जड़-समूल नष्ट किया जा सके। 

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    सीधी भर्ती में रोस्टर का भी मुद्दा उठा 

    दिल्ली में हुई बैठक में उत्तराखंड में सीधी भर्ती में रोस्टर का भी मुद्दा उठा। अखिल भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय महासचिव ई. वीपी नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड में पांच सितंबर 2012 को पदोन्नति में सभी रिक्त पद पर आरक्षण दिए बिना पूर्व की रोस्टर प्रणाली को लागू किए भरे जाने का फैसला लिया था। इसके खिलाफ कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई, जिसे कोर्ट खारिज कर चुकी है। फिर भी सीधी भर्ती के रोस्टर में बदलाव की साजिश की जा रही है। 

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