प्रदेश में शिक्षकों की कमी को मुद्दा बनाएगी एनएसयूआइ, होगा आंदोलन
एनएसयूआइ ने प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री पर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया। साथ ही शिक्षकों की कमी को मुद्दा बनाने का निर्णय किया है।
देहरादून, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री पर कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है। साथ ही प्रदेश में शिक्षकों की कमी को मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है।
एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं ने एक बयान में कहा कि संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया गया था। इस पर उन्होंने आश्वासन दिया था कि महाविद्यालयों में शिक्षकों व संसाधनों की कमी को दूर किया जाएगा। इसके बावजूद नया सत्र 2019 शुरू होने के बाद भी उन्होंने दिए आश्वासन को पूरा नहीं किया। इससे छात्रों का भविष्य अधर में है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार छात्र विरोधी है और छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं है। विगत हो की एनएसयूआइ काफी समय से महाविद्यालयों में हो रही शिक्षकों की कमी व संसाधनों की कमी के लिए लगातार आंदोलनरत रही है।
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सौरभ ममगाईं ने कहा की इसके विरोध में 27 अगस्त को जिले के जिन महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है उन महाविद्यालायों में कॉलेज बंदी की जाएगी। उसके बाद भी राज्य की भाजपा सरकार द्वारा शिक्षकों व संसाधनों की कमी को पूरा न किया गया तो एनएसयूआइ सचिवालय कूच करेगी।
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