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अब शारीरिक तरंगों को जाने बिना संभव नहीं सटीक इलाज

एम्स ऋषिकेश में फिजियोलॉजी विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान बताया गया कि अब अब शारीरिक तरंगों को जाने बिना सटीक इलाज संभव नहीं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 08:20 AM (IST)
अब शारीरिक तरंगों को जाने बिना संभव नहीं सटीक इलाज
अब शारीरिक तरंगों को जाने बिना संभव नहीं सटीक इलाज

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में फिजियोलॉजी विभाग की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मैटलैब की सहायता से इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिकल संकेतों के प्रसंस्करण, विश्लेषण तथा ई-प्राइम से कॉग्निटिव टास्क की संरचना विषय पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। 

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एम्स में आयोजित कार्यशाला में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि मानव शरीर की संरचना बहुत पेचीदा है, उसमें से उत्पन्न होने वाले विभिन्न तरंगों को जानना बहुत जरूरी है। इससे बीमारियों का सही और सटीक इलाज संभव हो सकता है। उन्होंने बताया कि इसी के चलते फिजियोलॉजी विभाग द्वारा इस तरह की पहल की गई है। जिसमें ऋषिकेश एम्स समेत अन्य एम्स संस्थान और आइआइटी के विशेषज्ञों के साथ मिल कर शारीरिक तरंगों की प्रोसेसिंग और एनालिसिस की कार्यशाला का आयोजन किया गया।

प्रो. रवि कांत ने बताया कि वर्कशॉप में विभिन्न शारीरिक और मानसिक कार्यों के संबंध में सिग्नल प्रोसेसिंग के तरीके सिखाए जाएंगे। जिससे अनेक बीमारियों को जड़ से जानने और उनके इलाज के बेहतर तरीके निकालने में सहायता मिलेगी। डीन एकेडमिक प्रो. सुरेखा किशोर ने बताया कि इसका उद्देश्य कॉग्निटिव न्यूरोसाइंस से संबंधित शोधों में कार्यरत विभिन्न कार्यक्षेत्रों के लोगों को कार्यशाला में शामिल कराकर मैटलैब एवं ई-प्राइम साफ्टवेयर्स का व्यक्तिगत प्रशिक्षण देने व इन उपकरणों के माध्यम से बेहतर टास्क की संरचना करना है।

उन्होंने बताया कि शारीरिक तरंगों की प्रोसेसिंग और एनालिसिस की विधि का प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न प्रकार की मानसिक एवं तंत्रिका संबंधित विकारों को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास किया जा सकता है। व्याख्यान व अभ्यास सत्रों में एम्स व आइआइटी संस्थानों के विशेषज्ञों ने व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। जिनमें एम्स भोपाल के डॉ. मनीष कुमार गोयल, एम्स नई दिल्ली के डॉ. सूर्य प्रकाश व डॉ. सिजूजी चाको,एम्स ऋषिकेश के डॉ. योगेश ङ्क्षसह, आइआइटी भुवनेश्वर के प्रोफेसर ब्रह्मदेव, आइआइटी दिल्ली के डॉ. तपन कुमार गांधी आदि विशेषज्ञ शामिल हुए।

कार्यशाला में विभिन्न स्थानों से 35 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। एम्स की फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. लतिका मोहन की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में सह संयोजक डॉ. प्रशांत पाटिल, आयोजन सचिव डॉ. योगेश सिंह, वैज्ञानिक समिति के सदस्य डॉ. सुनीता मित्तल, डॉ. मेघा अग्रवाल, डॉ. मनीषा दुबे के अलावा डॉ. पूर्वी कुलश्रेष्ठा, डॉ. राजेश काथरोटिया, डॉ. दिव्या गुप्ता,  डॉ. आकृति कपिला, डॉ. जयंती पंत, डॉ. ऋचा कुमारी, डॉ. संध्या एम., डॉ. अरुण गोयल, डॉ. नवीन के., डॉ. श्रीकांत एस.आदि ने सहयोग किया। 

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