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रेडियोलॉजी तकनीक से कम हुआ सर्जरी का ग्राफ: पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि जब रेडियोलॉजी जैसी सुविधा नहीं थी तब सर्जरी अधिक होती थी। मगर रेडियोलॉजी तकनीक के आने के बाद सर्जरी का ग्राफ कम हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 12:34 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:32 AM (IST)
रेडियोलॉजी तकनीक से कम हुआ सर्जरी का ग्राफ: पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत
रेडियोलॉजी तकनीक से कम हुआ सर्जरी का ग्राफ: पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत

ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में इंडियन रेडियोलॉजी इमेजिंग एसोसिएशन व उत्तराखंड आइआरआइएके के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला यूके रिकॉन 2019 शुरू हुई।

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एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने प्रतिभागियों को सर्जरी में रेडियोलॉजी की महत्ता बताई। कहा कि दशकों पूर्व जब रेडियोलॉजी जैसी सुविधा नहीं थी, तब सर्जरी अधिक होती थी। मगर, रेडियोलॉजी तकनीक के आने के बाद सर्जरी का ग्राफ काफी हद तक कम हो गया है। प्रो. रवि कांत ने जोर दिया कि अनुसंधान के बाद रेडियोलॉजी में इस्तेमाल होने वाली मशीनों का निर्माण देश में ही होना चाहिए।

इस अवसर पर आइआरआइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हेमंत पटेल ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां निरंतर जारी रहनी चाहिए। उन्होंने रेडियोलॉजी के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि संस्था रेडियोलॉजी के विकास के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में आउटरीच कार्यक्रमों को बढ़ावा देगी। इस अवसर पर आइआरआइए का देशव्यापी रक्षा कार्यक्रम लांच किया गया।

जिसके तहत बताया गया कि रेडियोलॉजिस्ट कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती घटनाओं में किसी भी रूप में सम्मिलित नहीं हैं, संगठन समाज में कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध संदेश देने का कार्य करता है। कार्यशाला में एमएस डॉ. ब्रह्मप्रकाश, डीन प्रो. सुरेखा किशोर, डीन एलुमिनाई प्रो. बीना रवि, डॉ. अंजुम सय्यद, रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर सक्सेना, डॉ. मंजू सैनी, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. उदित चौहान, डॉ. राजीव आजाद, डॉ. पुष्पलता भटेले, डॉ. मोहित तायल आदि मौजूद थे।

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