उत्तराखंड में एक हत्यारे को फांसी, तीन को सुनाई उम्रकैद की सजा
उत्तराखंड में हत्या के एक दोषी को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। वहीं, अन्य मामलों में तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। चारों मामले अलग-अलग जिलों की अदालत में चल रहे थे।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में हत्या के एक दोषी को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। वहीं, अन्य मामलों में तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। चारों मामले अलग-अलग जिलों की अदालत में चल रहे थे।
हरिद्वार में रुपयों लेन-देन के विवाद में भाई और भाभी की चाकू से गोदकर हत्या करने के अभियुक्त को अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई है। उस पर अदालत ने 71 हजार जुर्माना भी लगाया है। सितंबर 2016 यह वारदात हुई थी, तभी से अभियुक्त जेल में है।हत्याकांड की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ वरुण कुमार की अदालत में चल रही थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 24 सितंबर, 2016 को रानीपुर कोतवाली के ग्राम दादूपुर गोङ्क्षवदपुर निवासी आरिफ पुत्र मेहताब ने इस सिलसिले में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमें बताया गया कि रात करीब एक बजे वह अपने घर पर परिवार सो रहा था।
इसी दरम्यान पास की गली में रहने वाला रददू पुत्र जीवना अपने पड़ोसी शहजाद के बच्चों रूही, रिहान, खुशी व अयान को लेकर उसके घर पर आया। उसने बताया कि सरताज पुत्र सलीम ने अपनी भाभी रुखसाना की चाकू से गोदकर व गला रेत कर हत्या कर दी है और भाई शहजाद पर भी चाकू से वार कर रहा है।
हमलावर ने भतीजी खुशी पर भी जानलेवा हमला किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि जब तक वह वापस लौटा तो गेट के सामने शहजाद की लाश पड़ी मिली। उस वक्त गांव वालों ने आरोपित सरताज को कमरे में बंद कर दिया था। पुलिस ने मौके से उसे चाकू के साथ गिरफ्तार कर लिया।
अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 16 गवाह पेश किए गए। अदालत ने इसे क्रूरतम वारदात करार देते हुए अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार राणा और बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रङ्क्षवद्र सहगल ने पैरोकारी की।
भाई पर 24 और भाभी पर 22 वार
अभियोजन पक्ष के अनुसार अभियुक्त ने अपने भाई शहजाद के शरीर पर चाकू से 24 भाभी रुखसाना पर 22 वार किए थे। उसने सात वर्षीय भतीजी खुशी पर भी चाकू से हमला कर गंभीर चोट पहुंचाई थी।
नाबालिग से दुष्कर्म में दस साल का कारावास
पौड़ी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को दस साल का कठोर कारावास सुनाया है। उस 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने जिलाधिकारी को राष्ट्रीय विधिक प्राधिकरण की योजना के तहत पीडि़ता को पांच लाख रुपये सहायता उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। अभियुक्त पीड़िता का रिश्तेदार है। वाकया यमकेश्वर तहसील क्षेत्र का है।
अभियोजन पक्ष पक्ष के मुताबिक 12 फरवरी, 2018 को नाबालिग रहस्यमय परिस्थितियों घर से लापता हो गई थी। खोजबीन के बाद भी कुछ पता न चलने पर उसके पिता ने 20 फरवरी, 2018 को राजस्व उप निरीक्षक तल्ला डांगू प्रथम को तहरीर देकर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।
राजस्व पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद 15 मार्च, 2018 को यह मामला सिविल पुलिस को सौंप दिया गया। 23 मार्च, 2018 को लापता नाबालिग को पुलिस ने ऋषिकेश में नटराज तिराहे के पास से बरामद कर लिया। तब मौके से पुलिस ने सुरेंद्र उर्फ मोहम्मद उमर पुत्र चैत्रमणी निवासी मालाकुंडी यमकेश्वर को भी गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि, तब वह सहारनपुर में रह रहा था। पीडि़ता के परिजनों से उसकी फोन पर बात होती रहती थी। जांच में सामने आया कि अपहरण के बाद उसने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया, मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई।
जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश जीएस धर्मशक्तू की अदालत में मामला विचाराधीन था। वीरवार को अदालत ने इस पर फैसला सुनाया। अदालत ने सुरेंद्र को दुष्कर्म में दस साल और अपहरण में सात साल की सजा सुनाई। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने पैरवी की।
अवैध संबंध के शक में कत्ल करने वाले को मिली सजा
ऋषिकेश में अवैध संबंध के शक में पत्नी के हत्या करने वाले को अदालत ने आजीवन कारावास सुनाया है। मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में चल रहा था।
ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में यह घटना सामने आई थी। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में स्थित कताई मिल परतापुर मेरठ निवासी रोशन लाल पुत्र स्वर्गीय किशनलाल मायाकुंड में पत्नी रूपा व बेटी के साथ किराये का मकान लेकर रहता था। रोशन लाल को पत्नी के किसी अन्य के साथ संबंध होने का शक था।
इसके चलते उसने एक नवंबर 2017 को पत्नी की तार से गला घोंटकर हत्या कर दी और इसके बाद कोतवाली पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया था।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनीष मिश्रा अदालत ने एक रोज पहले रोशन लाल को हत्या का दोषी करार दिया था।
अदालत ने सजा के प्रश्न पर सुनवाई की। दोषी के कृत्य को गंभीर मानते हुए अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही उस पर दस हजार रुपये अर्थदंड भी ठोंका। यह न चुकाने पर उसे 4 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
पति और प्रेमी को आजीवन कारावास
चंपावत जिले में पत्नी की हत्या में पति को जिला एवं सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
18 जून, 2017 को जोगादत्त भट्ट निवासी ग्राम लेख अमोडी ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि वह चमठोला में पत्नी मूर्ति देवी और नातिन कविता व बबीता के साथ मकान निर्माण के लिए पत्थर इकट्ठा कर रहे थे। दिन में उसने पुत्र ईश्वरी दत्त भट्ट बदहवास हालत में भागते देखा।
बाद में पता चला कि उसने पत्नी ममता देवी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी है। शासकीय अधिवक्ता विद्याधर जोशी ने मामले की पैरवी की। जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्त ईश्वरी दत्त को धारा हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
उधर अपर सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार की कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में पे्रमी को आजीवन कारावास सुनाया है। दूसरे युवक से संपर्क रखने पर महिला की हत्या की गई थी।
नौ मई, 2017 को बैलपड़ाव के जंगल में महिला का शव मिला था। उसकी शिनाख्त ग्राम लूटाबड़ निवासी तारावती (40) पत्नी स्व. छत्रपाल के रूप में हुई। पुलिस ने इस मामले में उसके पे्रमी जिला उधमसिंहनगर के ग्राम नगर केशवनगर मुडिया बाजपुर निवासी रफी अहमद को गिरफ्तार किया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश ने इस पर फैसला दिया।
यह भी पढ़ें: अवैध संबंध के संदेह में पत्नी की हत्या में पति दोषी करार
यह भी पढ़ें: रुपयों के विवाद में हत्या करने के दोषी डॉक्टर को उम्र कैद
यह भी पढ़ें: एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या, इस कारण दिया वारदात को अंजाम