उत्तराखंड में बढ़ते तापमान से बढ़ा जंगलों में आग का खतरा
उत्तराखंड में उछाल भरते पारे ने वन विभाग की बेचैनी भी बढ़ा दी है। इससे जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में उछाल भरते पारे ने वन विभाग की बेचैनी भी बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार दस मई तक तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहेगा। इससे जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, विभाग के अनुसार मंगलवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश हो सकती है।
आमतौर पर प्रदेश में 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू हो जाता है। फरवरी-मार्च और अप्रैल के पहले पखवाड़े में नियमित अंतराल पर हुई बारिश और बर्फबारी के कारण राज्य के जंगलों में आग लगने की घटनाएं नाममात्र की सामने आई हैं। अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में आग लगने की घटनाओं में तेजी आई है।
वन विभाग के अनुसार इस फायर सीजन में अब तक प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 172 घटनाएं हो चुकी हैं। इससे 228 हेक्टेयर में वनभूमि प्रभावित हुई है। आग लगने की सर्वाधिक घटनाएं कुमाऊं में सामने आई हैं। यहां फरवरी से अब तक 105 घटनाएं दर्ज की गई, जबकि गढ़वाल में यह आंकड़ा 59 है।
वहीं आठ घटनाएं संरक्षित वन क्षेत्रों में दर्ज की गई। बीते तीन दिनों प्रदेश में जंगलों में आग की कुल 29 घटनाएं हो चुकी हैं। वनाग्नि के नोडल अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह के मुताबिक आग से निबटने के लिए पूरी तैयारियां की गई हैं।
उन्होंने बताया आग लगने की सूचना पर तत्काल टीम भेजी जा रही है। इसके अलावा पुलिस, एनडीआरएफ, होमगार्ड व पीआरडी जवानों के अलावा ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
दून में पारा सामान्य से तीन डिग्री ऊपर
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 36.8 व न्यूनतम तापमान 19.7 रहा। मसूरी का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 25.6 व न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान जौलीग्रांट में 37.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
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