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    उत्‍तराखंड में सरकारी अस्पतालों की होगी अब पांच श्रेणियां, जानिए

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    Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:23 PM (IST)

    प्रदेश में अब इंडियन पब्लिक हेल्थ स्‍टेंडर्स (आइपीएचएस) के मानकों के अनुसार सरकारी अस्पतालों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत कर दिया गया है।

    उत्‍तराखंड में सरकारी अस्पतालों की होगी अब पांच श्रेणियां, जानिए

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडड्र्स (आइपीएचएस) के मानकों के अनुसार सरकारी अस्पतालों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत कर दिया गया है। इसके तहत राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को श्रेणी-ए, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को श्रेणी- बी में रखा गया है। अन्य श्रेणियों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप जिला चिकित्सालय व जिला चिकित्सालय शामिल हैं। कुछ अस्पतालों को आइपीएचएस के मानकों से इतर अन्य चिकित्सा इकाइयों के रूप में शामिल किया गया है। आइपीएचएस के मानकों के अनुसार अस्पतालों को श्रेणी में बांटने के साथ ही चिकित्सकों के पदों की संख्या को भी पुनर्निर्धारित किया गया है। अब इस ढांचे में चिकित्सकों के कुल 2604 पद होंगे। पहले यह संख्या 2735 थी।

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    केंद्र सरकार द्वारा आइपीएचएस के मानकों के अनुसार ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट आवंटित किया जाता है। प्रदेश में अभी तक सरकारी अस्पताल इसके मानकों के अनुसार नहीं थे। इस कारण प्रदेश को काफी कम बजट मिल रहा था। इसे देखते हुए कुछ दिनों पूर्व मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को आइपीएचएस के मानकों के अनुसार सृजित करने की सहमति प्रदान की थी। इस संबंध में गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जनपदों में स्थापित 10 से 30 बेड वाले सीएचसी की श्रेणी में रहेंगे। जिना सामुदायिक केंद्रों में रोगी कम आते हैं, उन्हें पीएचसी-बी श्रेणी में रखा जाएगा। नैनीताल जीबी पंत चिकित्सालय को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के साथ ही पीएचसी-ए श्रेणी में रखा गया है।

    सभी जिलों के 30 बेड से अधिक सीएचसी, संयुक्त चिकित्सालयों, बेस अस्पतालों तथा महिला चिकित्सालय हल्द्वानी को उप जिला चिकित्सालय की श्रेणी में रखा गया है। विकासनगर, ऋषिकेश, रुड़की, कर्णप्रयाग, गोपेश्वर, बागेश्वर, बेस अल्मोड़ा, रानीखेत, काशीपुर, उत्तरकाशी, कोटद्वार व टनकपुर के ट्रामा सेंटर को संबंधित जिला चिकित्सालयों से जोड़ा गया है। दून जिला चिकित्सालय, दून महिला चिकित्सालय, बेस चिकित्सालय श्रीनगर के मेडिकल कालेज के रूप में संचालित होने से यहां के चिकित्साधिकारियों को अन्य चिकित्सालयों में समायोजित किया जाएगा। क्षयरोग आश्रम भवाली, नैनीताल तथा मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई को आइपीएचएस के मानकों से अलग करते हुए अन्य चिकित्सा इकाइयों में शामिल किया गया है। 

    नई व्यवस्था के बाद अब प्रदेश में पीएचसी-श्रेणी ए की संख्या 526, पीएचसी-श्रेणी बी की संख्या 52, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 80, उप जिला चिकित्सालय 21, जिला चिकित्सालय की संख्या 13 रखी गई है। अन्य चिकित्सा इकाइयों में 41 चिकित्सालयों को शामिल किया गया है।

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    इस प्रकार होंगे नए पद

    महानिदेशक-1, निदेशक-6, अपर निदेशक-35, संयुक्त निदेशक-162, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी-426, चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 - 643 और चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 के 1462 पद होंगे। इनकी कुल संख्या 2604 है। पहले यह संख्या 2735 थी। अतिरिक्त 131 पदों को फिलहाल जनपदवार समायोजित किया गया है। बाद में यह पद समाप्त हो जाएंगे।

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