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    पदोन्नति में आरक्षण पर असमंजस में सरकार, किसी भी वर्ग को नहीं करना चाहती नाराज

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 26 Feb 2020 05:13 PM (IST)

    पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ एसएलपी दाखिल करने वाली सरकार को सुप्रीम के आदेश ने असमंजस में डाल दिया है।

    पदोन्नति में आरक्षण पर असमंजस में सरकार, किसी भी वर्ग को नहीं करना चाहती नाराज

    देहरादून, जेएनएन। पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ एसएलपी दाखिल करने वाली सरकार को सुप्रीम के आदेश ने असमंजस में डाल दिया है। हकीकत यह है कि सरकार कर्मचारियों के किसी भी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहती है। लिहाजा उसने गेंद अब केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दी है। सरकार कोर्ट के आदेश के अनुपालन में पदोन्नति में आरक्षण खत्म करती है तो एससी-एसटी कर्मचारी बिफर जाएंगे। आरक्षण बहाल रखती है तो डेढ़ लाख से अधिक जनरल-ओबीसी कर्मचारियों का वर्ग प्रशासनिक कामकाज को ठप करने की तैयारी में लगा हुआ है। 

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    बता दें कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई के बाद बीती सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पदोन्नति में आरक्षण देने या न देने का निर्णय राज्य सरकार को करना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने इसे बड़ी जीत माना। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार कोर्ट के आदेश के क्रम में पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने का शासनादेश जारी कर देगी। लेकिन कर्मचारियों का भ्रम तब टूट गया, जब आदेश के पांच दिन गुजर जाने के बाद भी सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात के बाद उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारियों को आभास हो गया कि सरकार इस फैसले में राजनैतिक नफा-नुकसान तलाश रही है। 

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    डेढ़ लाख से अधिक हैं जनरल-ओबीसी कर्मचारी 

    एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि उत्तराखंड कर्मचारी बाहुल्य प्रदेश है। यहां जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर है। जबकि एससी-एसटी कर्मचारी करीब साठ हजार हैं। ऐसे में सरकार को तय करना होगा कि उसके फैसले का किस वर्ग पर अधिक पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा अब आम लोगों से जुड़ गया है। सरकार यदि आरक्षण खत्म करती है तो बड़ा वर्ग खुश होगा। 

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    उप्र के कर्मचारी भी आंदोलन से जुड़े 

    पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ चल रही लड़ाई में उत्तर प्रदेश के कर्मचारी नेता भी जुड़ गए हैं। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि 29 फरवरी को उत्तर प्रदेश से कर्मचारी नेताओं का दल देहरादून पहुंच रहा है। वह यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। इसके बाद उत्तराखंड के कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। 

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