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फुटबाल लीग पर क्लबों और डीएफए की खींचतान के बादल

डीएफए में अनियमितताओं को लेकर दून के 24 फुटबॉल क्लब कोर्ट की शरण में गए हुए हैं। ऐसे में क्लबों और डीएफए की तनातनी के चलते देहरादून फुटबॉल लीग का पीछे खिसकना तय माना जा रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 08:09 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 08:54 PM (IST)
फुटबाल लीग पर क्लबों और डीएफए की खींचतान के बादल
फुटबाल लीग पर क्लबों और डीएफए की खींचतान के बादल

देहरादून, [जेएनएन]: जिला फुटबॉल एसोसिएशन (डीएफए) में अनियमितताओं को लेकर दून के 24 फुटबॉल क्लब कोर्ट की शरण में गए हुए हैं। चार जुलाई की सुनवाई में डीएफए ने जवाब देने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा, लेकिन ने कोर्ट ने 11 जुलाई को अगली तारीख देते हुए जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। 

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इधर, क्लबों और डीएफए की तनातनी के चलते देहरादून फुटबॉल लीग का पीछे खिसकना तय माना जा रहा है। कैंट ब्ल्यू फुटबॉल क्लब के संचालक गोविंद थापा ने बताया कि दून के 24 फुटबॉल क्लबों ने एकजुट होकर डीएफए की अनियमितताओं के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अर्जी डाली थी। जिस पर कोर्ट ने डीएफए से जवाब मागा है। चार जुलाई की सुनवाई में डीएफए ने कोर्ट से 15 दिन का समय मांग लिया, लेकिन कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख रख जवाब मांगा है। 

क्लबों का आरोप है कि डीएफए वर्ष 2009 से सोसायटी एक्ट में रजिस्टर्ड नहीं है और बिना रजिस्ट्रेशन के एसोसिएशन का संचालन किया जा रहा है। गोविंद थापा ने सचिव पद को बरकरार रखने पर कहा कि देवेंद्र बिष्ट के इस्तीफे के बाद डीएफए ने उस्मान को कार्यवाहक सचिव बना दिया। बिना आम सभा के उनके पद को बरकरार रखा है। 

साथ ही लीग कराने के लिए प्रत्येक खिलाड़ी से 300 रुपये फीस तय कर दी गई, क्लबों के विरोध के बाद उसे 50 रुपये किया गया। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार लीग से पूर्व आम सभा होनी चाहिए, लेकिन 22 अप्रैल को मीटिंग कर सब कुछ तय कर लिया गया। इन सभी मामलों को लेकर अब क्लबों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इधर, क्लबों और डीएफए की लड़ाई की वजह से देहरादून में होनी वाली एकमात्र फुटबॉल लीग भी पीछे खिसकने की संभावना है। 

डीएफए के कार्यवाहक सचिव उस्मान खान के मुताबिक आमतौर पर देहरादून फुटबॉल लीग जून-जुलाई में शुरू हो जाती है। जबकि, लीग कराने के लिए खिलाड़ियों के क्लब ट्रांसफर की प्रक्रिया भी कराई जा चुकी है। अगली सुनवाई पर हम कोर्ट में दस्तावेज पेश कर देंगे। 2014 तक एसोसिएशन सोसायटी एक्ट में रजिस्टर्ड थी, बाद में कुछ कारणों से रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है एसोसिएशन जल्द ही रजिस्टर हो जाएगी। 

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