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फिनलैंड के लोगों में भारत के मुकाबले बेहतर कार्य क्षमता, पढ़िए पूरी खबर

फिनलैंड के राजदूत एरिक एट हालस्टॉर्म ने कहा कि फिनलैंड के लोगों में भारत के मुकाबले ज्यादा कार्य क्षमता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 06:58 PM (IST)
फिनलैंड के लोगों में भारत के मुकाबले बेहतर कार्य क्षमता, पढ़िए पूरी खबर
फिनलैंड के लोगों में भारत के मुकाबले बेहतर कार्य क्षमता, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए फिनलैंड के राजदूत एरिक एट हालस्टॉर्म ने कहा कि फिनलैंड के लोगों में भारत के मुकाबले ज्यादा कार्य क्षमता है। फिनलैंड के लोग कार्यालय में केवल छह घंटे व्यतीत करते हैं। उन्होंने कहा कि फिनलैंड के लोगों की प्रसन्नता का मूलमंत्र कार्य समय के साथ-साथ बचे हुए समय को परिवार और खुद के लिए व्यतीत करना है। फिनलैंड के राजदूत ने बतौर मुख्य अतिथि कॉन्क्लेव को संबोधित किया। 

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विशिष्ठ अतिथि परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती ने अध्यात्म को भारत की विरासत बताया। कहा कि वह पिछले 23 वर्षों से यहां शांति को भौतिक सुख-सुविधाओं में खोज रहे हैं। कहा कि पश्चिमी देश शांति के लिए आध्यात्म को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना रहे हैं। विश्व की नामी कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए योग और ध्यान पर जोर दे रहे हैं। साध्वी भगवती ने कहा कि वास्तविक प्रसन्नता स्वयं में ढूंढनी है ना कि बाहर इसके लिए स्वयं को जानना मन और चित्त को नियंत्रित रखकर खुशी प्राप्त की जा सकती है। 

इंडियन सोसायटी फार ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट देहरादून चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित इस कानक्लेव में ओएनजीसी के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. विनय कुमार वर्मा ने कहा कि तकनीकी विकास के साथ-साथ कार्यस्थल और सामाजिक परिवेश में भी तेजी से बदलाव हुआ है, जहां पहले संयुक्त परिवार में पले बढ़े बच्चे संस्कार, परोपकार, आर्दशवाद जैसे व्यक्तित्व विकास के गुणों को अपने बड़े बुजुर्गों से सीखते थे। आज न्यूक्लियर फैमली में पालन पोषण होने के कारण आज बच्चे इन संस्कारों से वंचित हैं। 

इंटरनेशनल कॉनक्लेव के आयोजक अवनीश जोशी ने कहा कि आध्यात्म और खुशहाली विषय पर संगोष्ठी रखने की प्रेरणा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड के परिपेक्ष में स्प्रिचुअल इकोनोमिक भाषण से मिली। सेंटर फॉर एक्जीक्यूटिव एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट लंदन के प्रोफेसर डॉ. केंस के राजा ने संगोष्ठी में वर्कलाइफ बैलेंस पर अपनी प्रस्तुति दी और कहा कि जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाना सबसे महत्वपूर्ण है। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) संजय जसोला ने कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आध्यात्म को शिक्षा के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। 

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