अफगानिस्तान में कोई भी हो सकता है आतंकवादी, पता लगाना मुश्किल
अफगानिस्तान में यह बता पाना मुश्किल होता है कि कौन आतंकवादी है और कौन आम आदमी। वहां कोई भी आतंकी हो सकता है।
देहरादून, जागरण संवाददाता। आइएमए की पासिंग आउट परेड में 77 विदेशी (फॉरेन) जेंटलमेन कैडेट्स भी पासआउट हुए, जो अब अपने-अपने देश में सेवा देंगे। इनमें बेस्ट फॉरेन जीसी के खिताब से नवाजे गए अफगानिस्तान के शिरजाद सरबाज ने अपने मुल्क के हालात बयां किए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में यह बता पाना मुश्किल होता है कि कौन आतंकवादी है और कौन आम आदमी। वहां कोई भी आतंकी हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रमुख आतंकवादी दलों जैसे-तालिबान, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अलकायदा आदि के अलावा वहां दर्जनों आतंकी संगठन है। इसकी वजह यह कि वहां भारत की तरह सरहद तय नहीं की गई है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा खुली है, जिसके चलते आतंकवादी बड़े आराम से अपने मंसूबों को अंजाम दे देते हैं।
दूसरी तरफ उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवाद पनपने के पीछे अशिक्षा और गरीबी को भी वजह बताया। हालांकि, वह कहते हैं कि अब उनके जैसे तमाम युवक देश की तरक्की की राह पर आगे बढ़ने लगे हैं। फिर भी अमन और चैन का सवेरा पूरी तरह कब आएगा, यह कहा नहीं जा सकता। शिरजाद सरबाज के पिता शेर मो. भी सेना में कर्नल हैं।
मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर के सबसे कुशल प्रशासक
शिरजाद सरबाज का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत की छवि बेहद अच्छी है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के सबसे कुशल प्रशासक के रूप में देखते हैं। उनका मानना है कि मोदी सरकार में भारत की सैन्य शक्ति हर तरह के बेहतर हुई है।
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