सचिवालय कूच कर रहे कर्मचारियों की हुई पुलिस से नोकझोंक Dehradun News
मानदेय में वृद्धि को लेकर ग्राम रोजगार सेवक संगठन और बियरफुट तकनीशियन संगठन ने सविवालय कूच किया लेकिन पुलिस ने इन्हें लैंसडौन चौक पर ही रोक दिया।
देहरादून, जेएनएन। मानदेय में वृद्धि को लेकर ग्राम रोजगार सेवक संगठन और बियरफुट तकनीशियन संगठन ने सविवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने इन्हें लैंसडौन चौक पर ही रोक दिया। इस बीच कर्मचारियों और पुलिस के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। बाद में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में अपर सचिव मनीषा पंवार को अपना मांग पत्र सौंपा।
ग्राम रोजगार सेवक संगठन और बियरफुट तकनीशियन संगठन के बनैर तले कर्मचारी परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर एकत्रित हुए। यहां ग्राम रोजगार सेवक के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद नौटियाल ने कहा कि मनरेगा में 12 सालों से ग्राम सेवक विषम भौगोलिक हालात में काम कर रहे हैं। उन्हें बेहद अल्प मानदेय मिलता है। इससे उनका जीवन यापन करना मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा कि मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर यहां के ग्राम सेवकों को भी ग्रेड पे 1900 का लाभ दिया जाना चाहिए। बियरफुट तकनीशियन के प्रदेश अध्यक्ष मस्तराम डोभाल ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बिल, वाउचर पर मानदेय मिलता है। इनमें भी हर जिले में अंतर है इससे तकनीशियनों को आर्थिक तंगी हो रही है। उन्होंने प्रतिमाह नियमित मानदेय देने की मांग की।
इसके बाद दोनों संगठनों ने सचिवालय की ओर कूच किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लैंसडौन चौक के पास ही बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। जहां प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी नोझोंक भी हुई। सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने उन्हें समझाने की कोशिश, लेकिन वे नहीं माने।
बाद में पुलिस प्रशासन ने पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को सचिवालय में जाने की इजाजत दी। प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में अपर सचिव मनीषा पंवार से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
अपर सचिव पंवार ने कहा कि हिमाचल में 1900 ग्रेड पे भुगतान किया जा रहा है, इसी तर्ज पर यहां भी देखा जा रहा है। मनरेगा के प्रदेश समन्वयक असलम ने भी बताया कि हिमाचल की तर्ज पर यहां भी सरकार से बात हो रही है। वहीं बियरफुट संगठन की मांग पर अपर सचिव पंवार ने कहा कि वे कुशल श्रमिक के तौर पर भर्ती होते हैं उनको नियमित मानदेय देने का बायलॉज नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई भी राज्य नियमित मासिक मानदेय दे रहा है तो कागजात मुहैया कराएं। उस पर मंथन किया जाएगा। ग्राम सेवक संगठन ने चेतावनी दी कि यदि एक माह के भीतर उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।
इस दौरान द्वारिका प्रसाद देवली, सुंदरमणि सेमवाल, मनमोहन सिंह, रमेश गढिय़ा, यशपाल आर्य, विजेंद्र प्रसाद, कपिल देव, देवेंद्र ंिसह, शमीम बेग, महादेव प्रसाद, विकास बडोनी, कैलाश चंद्र, मो. कादिर, सुबोध सिंह, सोमपाल, महादेव भट्ट, हंसराज सिंह आदि शामिल रहे।
पेंशनर्स को भी मिले आयुष्मान का लाभ
सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन की बैठक में अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने का शासनादेश जारी न होने पर रोष व्यक्त किया गया। साथ ही इस पर अविलंब कार्रवाई की मांग उठाई गई।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पीडी गुप्ता ने केंद्र व उत्तर प्रदेश की भांति संशोधित पेंशन देने की भी मांग उठाई। संगठन ने निर्णय लिया कि यदि शीघ्र उनके प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया तो 22 अगस्त को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में महामंत्री गिरीश भट्ट, ओपी टुटेजा, नारायण सिंह राणा, जयनारायण अग्रवाल, संतोष कुमार आदि उपस्थित रहे।
निगम कर्मियों ने बनाई आंदोलन की रणनीति
राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने आठ सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है। जल निगम मुख्यालय मोहिनी रोड पर कर्मचारियों ने गेट मीटिंग की।
उन्होंने कहा कि सभी शासनादेश राज्य कर्मियों की तरह निगम कर्मियों पर भी लागू हों, निगमों में भी सातवें वेतनमान के आधार पर मकान किराया व अन्य भत्ते मिले, रिक्त पदों पर भर्ती, आउट सोर्स, उपनल, संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।
इस दौरान कर्मियों को न्यूनतम 21 हजार रुपये वेतन, परिवहन एवं पेयजल निगम में कर्मियों को समय से वेतन मिले, एमएसीपी देयता के लिए उत्तम, अति उत्तम की बाध्यता समाप्त कर प्रोन्नति के लिए मान्य प्रविष्टियों के अनुरूप प्रोन्नत ग्रेड पे को मंजूरी, डग्गामारी रोकने को परिवहन निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर आयुक्त परिवहन की नियुक्ति की मांग की गई।
इस मौके पर सर्व सम्मति से आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। इस बाबत आंदोलन का एक नोटिस प्रमुख सचिव सार्वजनिक उद्योग विभाग को भी सौंपा गया। इस दौरान दिनेश गुसाईं, बीएस रावत, राम कुमार, अजय बेलवाल, राजेंद्र सिंह राणा, सीएस कंडवाल, शुभांश चौधरी, सतेंद्र सिंह, दिनेश पंत आदि मौजूद रहे।
ये बनाई आंदोलन की रणनीति
- सात अगस्त को पत्रकार वार्ता।
- 10 से 20 अगस्त तक मंत्री, विधायक, सांसदों का घेराव और ज्ञापन।
- 22 अगस्त को सचिवालय में धरना प्रदर्शन, आगे की घोषणा धरना स्थल पर होगी।
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