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आइ एम ए विलेज योजना में सभी 95 ब्लॉकों में एक-एक गांव बनना है मॉडल

आइ एम ए विलेज योजना में राज्य के सभी 95 ब्लाकों में एक-एक गांव को कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिहाज से मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाना है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:48 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 08:21 PM (IST)
आइ एम ए विलेज योजना में सभी 95 ब्लॉकों में एक-एक गांव बनना है मॉडल
आइ एम ए विलेज योजना में सभी 95 ब्लॉकों में एक-एक गांव बनना है मॉडल

देहरादन, केदार दत्त। उत्तराखंड में पलायन से खाली होते गांवों और रसातल में जाती खेती-किसानी के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। इस कड़ी में 'आइ एम ए विलेज' (मैं एक गांव हूं) योजना को सरकार अब धरातल पर उतारने जा रही है। इसमें राज्य के सभी 95 ब्लाकों में एक-एक गांव को कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिहाज से मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए चयनित गांवों को एक से डेढ़ करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

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प्रदेश में घटती कृषि विकास दर और कृषि भूमि के बंजर में तब्दील होने की बढ़ती रफ्तार चिंता बढ़ा रही है। खुद सरकारी आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। एक दशक पहले राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की भागीदारी सात फीसद थी, जो घटकर 4.67 फीसद पर आ गई है। 72 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर में तब्दील हुई है। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़े ऐसी भूमि का रकबा एक लाख हेक्टेयर बताते हैं। कारणों की पड़ताल हुई तो पता चला कि इसकी मुख्य वजह गांवों से निरंतर हो रहा पलायन है।

इस सबके मद्देनजर खेती-किसानी को संबल देने और किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। कृषि को लाभकारी बनाते हुए इसकी तरफ लोगों का रुझान बढ़ाने के दृष्टिगत सरकार अब एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इसके लिए लाई जा रही है आइ एम ए विलेज योजना, जिसके मसौदे को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब इसे जल्द धरातल पर उतारने की तैयारी है।

योजना के मुख्य बिंदु

  • पांच साल की योजना में प्रतिवर्ष हर ब्लाक का एक-एक गांव बनेगा मॉडल
  • चयनित गांव को बजट से अतिरिक्त मिलेगी एक से डेढ़ करोड़ की राशि
  • कृषि व उसके क्षेत्रों को जोड़कर विकसित होंगी कृषि सुविधाएं
  • खेती को वन्यजीवों से बचाने को वन सीमा पर होगी सोलर पावर फैंसिंग
  • सिंचाई प्रणाली, फार्मर्स मशीनरी बैंक, कलेक्शन कक्ष, शार्टिंग-ग्रेडिंग प्लांट पर फोकस
  • पशुपालन, मुर्गी, मछली व मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियों पर जोर
  • गांवों में उत्पादित कृषि उत्पादों के विपणन की अलग से व्यवस्था
  • प्रत्येक चयनित गांव में कार्यों की निगरानी को विशेष प्रकोष्ठ

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बोले मंत्री 

सुबोध उनियाल (कृषि मंत्री उत्तराखंड) का कहना है कि गांवों को मॉडल के तौर पर विकसित करने को आइ एम ए विलेज योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। अब इसकी लांचिंग की तैयारी है। इस सिलसिले में इसी सप्ताह विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।

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