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शिक्षा निदेशालय ने एमए को मान्यता देने के लिए भेजा प्रस्ताव, छात्र लंबे समय से कर रहे थे मांग

एलटी पदों पर कला वर्ग में होने जा रही भर्ती के नियमों में संशोधन के लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 04:08 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 04:08 PM (IST)
शिक्षा निदेशालय ने एमए को मान्यता देने के लिए भेजा प्रस्ताव, छात्र लंबे समय से कर रहे थे मांग
शिक्षा निदेशालय ने एमए को मान्यता देने के लिए भेजा प्रस्ताव, छात्र लंबे समय से कर रहे थे मांग

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में एलटी पदों पर कला वर्ग में होने जा रही भर्ती के नियमों में संशोधन के लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। कला वर्ग के छात्र लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। अब बीएड की अनिवार्यता खत्म करने और पोस्ट ग्रेजुएशन के आधार पर कला वर्ग में भर्ती होगी या नहीं, इस पर शासन फैसला लेगा। 

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शनिवार को कला संघ के अध्यक्ष गजेंद्र नाथ के नेतृत्व में प्रदेशभर से जुटे छात्रों ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को अपना मांगपत्र सौंपा। गजेंद्र ने भर्ती नियमावली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि विभाग ने कला विषय की भर्ती के लिए बीएड अनिवार्य कर दिया है, जिससे एमए की अहमियत खत्म हो जाएगी और एमए और एमएफए करने वाले हजारों छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। गजेंद्र ने कहा कि पूर्व में कला विषय पर एलटी पदों की भर्ती के लिए कला विषय में बीए या बीएफए के साथ एमए या एमएफए को आधार माना जाता रहा है, लेकिन इस बार होने जा रही भर्ती में विभाग ने स्नातक के साथ बीएड अनिवार्य कर दिया है। इससे एमए की अहमियत खत्म हो गई है।

गजेंद्र ने बताया कि बीएफए के साथ तो बीएड के लिए एनसीटीई तक ने कोई गाइडलाइन नहीं दी है। ऐसे में बीएफए के छात्र एमएफए करके ही स्कूलों में चयनित होते आए हैं। कला संघ के छात्रों ने कहा कि बीएड के छात्रों को भर्ती में शामिल किए जाने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, एमए और एमएफए किए हुए छात्रों को भी आवेदन का मौका मिलना चाहिए। छात्रों ने मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि शासन को छात्रों की मांग के आधार पर प्रस्ताव भेजा जा चुका है। शासन स्तर से जो भी फैसला लिया जाएगा। उसी नियम को आधार बना कर भर्ती करवायी जाएगी। 

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डीएलएल प्रशिक्षुओं का धरना कल 

भर्ती नियमावली को लेकर ही शिक्षा विभाग के सामने दूसरा सवाल डीएलएड प्रशिक्षुओं ने खड़ा किया है। प्रशिक्षितों का कहना है कि उनकी ट्रेनिंग के दौरान भर्ती नियमावली में जो बदलाव हुए हैं, वो उन पर लागू न किए जाए। डीएलएड संघ 2017-19 के अध्यक्ष पवन मुस्युनी के नेतृत्व में विभिन्न जिलों की डायट से प्रशिक्षित छात्र सोमवार को शिक्षा निदेशालय में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। 

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