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    फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ओएमआर वायरल करने वाले पर तीन साल का बैन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:04 AM (IST)

    फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में अपनी ओएमआर शीट की फोटो खींच व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करने वाले अभ्यर्थी का अभ्यर्थन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने निरस्त कर दिया है।

    फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में ओएमआर वायरल करने वाले पर तीन साल का बैन

    देहरादून, जेएनएन। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में अपनी ओएमआर शीट की फोटो खींच व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करने वाले अभ्यर्थी का अभ्यर्थन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने निरस्त कर दिया है। साथ ही उसके अगले तीन साल तक आयोग की कोई भी परीक्षा देने पर रोक लगा दी है। परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर केंद्र अधीक्षक से आयोग ने जवाब तलब किया है। साथ ही एक सप्ताह के भीतर कक्ष निरीक्षकों से भी लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।

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    बीते रविवार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही इसके ओएमआर की फोटो फेसबुक पर टैग कर दी गई। इसका कैप्शन ‘फॉरेस्ट गार्ड में फुल चीटिंग’ लिखा गया था। फेसबुक में इस पोस्ट को देखने के बाद युवाओं ने कमेंट कर कई सवाल उठाए थे। 

    लिखा कि जब परीक्षा केंद्र में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं थी तो फिर कैसे ओएमआर और प्रश्नपत्र की फोटो खींची गई। यही नहीं, युवाओं ने आरोप लगाया कि जिस परीक्षा केंद्र में ये फोटो ली गई है, वहां जरूर पर्चा लीक किया गया होगा। अनुक्रमांक की जांच पर पता लगा कि यह अभ्यर्थी ग्राम फतेहपुर, विकासनगर निवासी जसपाल शर्मा है। जिसने आयोग में उपस्थित होकर कहा था कि यह फोटो उसने परीक्षा समाप्त होने के उपरांत ली। क्योंकि तृतीय प्रति में गोलों के निशान नहीं छप रहे थे। तब कक्ष निरीक्षकों ने मेरा फोन वापस कर दिया था और उत्तर पुस्तिका एकत्र ही की जा रही थी।

    आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि परीक्षा के दौरान इस तरह का व्यवहार परीक्षा की शुचिता व गोपनीयता के लिए खतरा है। जिससे आयोग व राज्य सरकार की छवि धूमिल हुई है। ऐसे में उक्त अभ्यर्थी का अभ्यर्थन निरस्त कर उसके अगले तीन साल के लिए परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई है। बताया कि यह अभ्यर्थी पथरीबाग स्थित श्री लक्ष्मण विद्यामंदिर इंटर कॉलेज में पंजीकृत था। ऐसे में केंद्र अधीक्षक से भी जवाब तलब किया गया है। यह पूछा गया है कि परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन का प्रयोग कैसे हुआ। 

    राजनीतिक दलों ने की घेराबंदी

    फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा को लेकर तमाम राजनीतिक दलों व संगठनों ने राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की घेराबंदी तेज कर दी है। उन्होंने तत्काल परीक्षा रद कर इसे दोबारा कराने की मांग की है। साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई है। समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं।

    पूर्व प्रदेश महासचिव अतुल शर्मा ने कहा कि तीन साल के लंबे इंतजार के बाद फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा कराई गई और अब जीरो टॉलरेंस का स्लोगन देने वाली भाजपा सरकार इसे लेकर कठघरे में है। कहा कि सपा शिक्षित बेरोजगारों के साथ खड़ी है। उन्होंने परीक्षा रद कर दोबारा कराए जाने की मांग की। उधर, उक्रांद के जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई ने कहा कि सुशासन की बात बड़े जोर-शोर से कहने वाली जीरो टोलरेंस की सरकार एक भी परीक्षा सही ढंग से नहीं करा पा रही है।

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    वन आरक्षी की भर्ती परीक्षा में संगठित होकर नकल करायी गई और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। कहा कि इस प्रकार की लचर व्यवस्था के लिए कौन-कौन दोषी हैं, इसकी पूरी जांच कराई जाए। उधर, राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने भी इसे लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा कराई जा रही तमाम परीक्षाओं में कोई न कोई विवाद या अनियमितता सामने आ रही है। आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग उन्होंने की। कहा कि यह वह स्वयं इस्तीफा नहीं देते तो राज्य सरकार को उन्हें हटा देना चाहिए।

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