Move to Jagran APP

दून में तैनात 102 शिक्षक चढ़ेंगे पहाड़, ऐसे शिक्षकों की सूची जारी

पहाड़ों से दून स्थानांतरित हुए शिक्षकों को अब दोबारा पहाड़ चढ़ना होगा। शासन की समीक्षा के बाद शिक्षा निदेशालय ने ऐसे 102 शिक्षकों की सूची जारी की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:33 PM (IST)
दून में तैनात 102 शिक्षक चढ़ेंगे पहाड़, ऐसे शिक्षकों की सूची जारी

देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस सरकार के समय पहाड़ों से दून स्थानांतरित हुए शिक्षकों को अब दोबारा पहाड़ चढ़ना होगा। शासन की समीक्षा के बाद शिक्षा निदेशालय ने ऐसे 102 शिक्षकों की सूची जारी की। शिक्षकों की तैनाती प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में की गई थी। अपर निदेशक प्राथमिक शिक्षा वीएस रावत ने सीईओ और डीईओ को पत्र जारी कर इन शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए।

loksabha election banner

कांग्रेस सरकार के समय चमोली, नैनीताल, उत्तरकाशी समेत अन्य पहाड़ी जिलों में सेवाएं दे रहे लगभग 400 शिक्षकों को दून के स्कूलों में अटैच किया गया था। शासन ने कुछ महीने पहले अपने स्तर से इन शिक्षकों की समीक्षा शुरू की थी। बुधवार को शासन की समीक्षा के आधार पर शिक्षा निदेशालय ने 102 शिक्षकों की सूची जारी की। जिला शिक्षा अधिकारी आरएस रावत ने बताया कि सूची जारी कर शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के आदेश दिए हैं। दून, डोईवाला, सहसपुर, चकराता, कालसी और रायपुर में शिक्षकों की तैनाती थी। अब इन शिक्षकों को वापस अपने मूल जनपद में जाना होगा।

वांछित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं शिक्षक

अपर निदेशक वीएस रावत ने सूची में शामिल ऐसे शिक्षक जो स्थानांतरण अधिनियम-2017 में उल्लिखित प्राविधानों को पूरा करते हैं, वह अपने वांछित प्रमाण पत्र शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करा सकते हैं।

सूची पर विरोध के स्वर भी

बुधवार को कार्यमुक्ति के आदेश होने के बाद से शिक्षकों में विरोध के स्वर उठाने शुरू हो गए हैं। शिक्षकों ने स्थानांतरण रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय का रुख करना शुरू कर दिया है। वहीं कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं, जो अन्य शिक्षकों का नाम शामिल नहीं होने पर भी सवाल उठा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि केवल 102 शिक्षकों को ही क्यों वापस भेजा जा रहा है।

 यह भी पढ़ें: अगले विस सत्र में पेश होंगे दोनों अंब्रेला एक्ट, पढ़िए पूरी खबर

वीएस रावत (अपर निदेशक, प्राथमिक शिक्षा) का कहना है कि लंबे समय से मामला अटका था। शासन की समीक्षा के बाद ही शिक्षकों की सूची जारी की गई है। जिन्हें इसमें आपत्ति हो, वह शिक्षक अपनी बात निदेशालय में रख सकते हैं।

यह भी पढ़ें: यहां अगर एक साथ दो इंजीनियर कॉलेजों में पढ़ाया, तो होगी कड़ी कार्रवाई; जानिए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.