उत्तराखंड में कोरोना के कम होते मामले दे रहे सुखद संकेत
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण काफी हद तक काबू में आ गया है। न केवल संक्रमण दर बल्कि मरने वालों की संख्या भी अब लगातार कम होती जा रही है। वहीं रिकवरी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले यह ट्रेंड सुखद संकेत है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण काफी हद तक काबू में आ गया है। न केवल संक्रमण दर, बल्कि मरने वालों की संख्या भी अब लगातार कम होती जा रही है। वहीं रिकवरी का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले यह ट्रेंड भविष्य के लिहाज से सुखद संकेत है।
प्रदेश में कोरोनाकाल को 301 दिन (43वां सप्ताह) का समय बीत गया है। नए साल में संक्रमण काफी हद तक काबू में है। 43वें सप्ताह (3-9 जनवरी) में प्रदेशभर में लगभग 89920 व्यक्तियों की कोरोना जांच की गई। इसमें 1854 ही संक्रमित मिले। जबकि इस दौरान 2909 मरीजों ने कोरोना को मात दी। वहीं, 46 मरीजों ने दम तोड़ा। कोरोना के आंकड़ों का अध्ययन कर रहे सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक 43वां सप्ताह सबसे अच्छा रहा है। रिकवरी दर ज्यादा रही और संक्रमण दर में कमी आई है।
यह भी पढें- केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल निजी दौरे पर पहुंचे उत्तराखंड
एक्टिव केस की संख्या भी घटकर पांच माह पहले की स्थिति में आ गए हैं। वहीं साप्ताहिक संक्रमण दर इस दौरान 2.06 फीसद रही है। नौटियाल का कहना है कि कोरोना का प्रसार कम जरूर हुआ है, पर खतरा अभी टला नहीं है। मामले कम होने का मतलब यह कतई नहीं कि हमारी जिम्मेदारी कम हो गई है। जैसी एहतियात हम शुरुआती चरण में बरत रहे थे, वैसी ही अब भी बरतनी होगी। हमें समझना होगा कि भले ही वैक्सीन आ गई हो, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सुरक्षा से समझौता हमें महंगा पड़ सकता है। जरा भी चूक हुई तो कोरोना फिर अपना प्रभाव दिखाने लगेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।