उत्तराखंड में सुस्त है नए बस अड्डों के निर्माण की रफ्तार, पढ़िए पूरी खबर
नए बस अड्डों के निर्माण और पुराने बस अड्डों के विस्तारीकरण की कवायद सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में नए बस अड्डों के निर्माण और पुराने बस अड्डों के विस्तारीकरण की कवायद सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आलम यह है कि बस अड्डों के निर्माण और विस्तारीकरण की मुख्यमंत्री की 12 घोषणाओं की फाइल इधर से उधर ही चल रही है। इनमें से चार बस अड्डों के लिए जमीन ही चिह्नित नहीं हो पाई है। इनमें मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र डोईवाला का बस अड्डा भी शामिल है, जिसकी घोषणा तकरीबन तीन वर्ष पूर्व की गई थी।
पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड में सरकारी परिवहन व्यवस्था यातायात का एक अहम साधन है। बड़ी संख्या में निजी बस संचालकों द्वारा विभिन्न मार्गों पर बसों के संचालन के बावजूद अभी भी लोग परिवहन निगम की बसों में सफर करना ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
इसे देखते हुए सरकार ने स्थानीय लोगों की मांग पर प्रदेश के 12 स्थानों पर बस अड्डों के निर्माण और विस्तारीकरण की घोषणा की थी। इस कड़ी में जून 2017 में कोटद्वार में बस अड्डा बनाने की बात कही गई थी लेकिन इसके निर्माण का शासनादेश ही अभी तक जारी नहीं हो पाया है। अगस्त 2017 में झबरेड़ा में बस अड्डा बनाने की बात कही गई लेकिन अभी तक इसका प्रस्ताव ही तैयार नहीं हो पाया है।
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इसी माह खटीमा में भी बस अड्डा बनाने की बात कही गई लेकिन इसके लिए अभी तक जमीन नहीं मिल पाई है। अक्टूबर 2017 में नरेंद्र नगर में बस अड्डा बनाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए भी अभी तक जमीन की तलाश जारी है।
फरवरी 2018 को भगवानपुर में बस अड्डा बनाने की घोषणा की गई लेकिन इसकी स्वीकृति के प्रस्ताव का इंतजार किया जा रहा है। इसी माह पिरान कलियर में बस अड्डा बनाने की बात कही गई लेकिन इसके लिए अभी तक जमीन नहीं मिल पाई है। अप्रैल 2018 में रामनगर में बस अड्डे के निर्माण की घोषणा की स्थिति यह है कि इसका निर्माण वन विभाग की लीज दी गई जमीन पर होना है। इसकी लीज समाप्त हो रही है।
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इस कारण इसके लिए केंद्र से वार्ता की जानी है। अगस्त 2018 में गदरपुर में बस अड्डा निर्माण की घोषणा हुई। जमीन भी तलाशी गई लेकिन मामला कोर्ट में चल रहा है। जनवरी 2019 में किच्छा में बस अड्डा बनाने के मामले में जमीन तो मिली लेकिन स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। टनकपुर में बस अड्डे के विस्तारीकरण को अभी मुख्यालय से आख्या का इंतजार किया जा रहा है। वहीं बनबसा के बस अड्डे का फिलहाल बजट ही तय नहीं हो पाया है।
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