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प्रश्नपत्र-स्वमूल्यांकन को लेकर जल्द खत्म होगा असमंजस, पढ़िए पूरी खबर

पररीक्षा के प्रश्नपत्रों का निर्माण डायट करेगा या पहले की भांति एससीईआरटी से ही कराया जाएगा या उत्तरपुस्तिकाओं के स्वमूल्यांकन को लेकर बना असमंजस जल्द दूर होगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 04:33 PM (IST)
प्रश्नपत्र-स्वमूल्यांकन को लेकर जल्द खत्म होगा असमंजस, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों का निर्माण जिला स्तर पर जिला शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान (डायट) करेगा, या पहले की भांति एससीईआरटी से ही कराया जाएगा या उत्तरपुस्तिकाओं के स्वमूल्यांकन को लेकर बना असमंजस जल्द दूर होगा। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक में इस पर निर्णय लिया जा सकता है। 

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प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में मासिक परीक्षा आयोजित करने का फैसला बीते शैक्षिक सत्र में लिया गया था। इसके बाद चालू शैक्षिक सत्र में भी इसे कुछ व्यावहारिक संशोधनों के साथ जारी करने का निर्णय लिया गया। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए विकासखंडवार सात विद्यालयों में तीन प्राथमिक, एक-एक उच्च प्राथमिक और हाईस्कूल और दो इंटरमीडिएट, को चिह्नित कर डायट के निर्देशन में मासिक परीक्षा संचालित करने के आदेश दिए हैं। 

आदेश में कहा गया कि चयनित विद्यालयों के लिए मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों का निर्माण और मासिक परीक्षाओं का संचालन डायट के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में होगा। इसके लिए डायट से चयनित विद्यालय के पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही मासिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी विद्यालय के विषय अध्यापक करेंगे। राज्य के सभी डायट मासिक परीक्षा परिणामों का विश्लेषण कर रिपोर्ट एससीईआरटी को भेजेंगे। एससीईआरटी मासिक परीक्षा परिणामों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इस शासनादेश से पहले एससीईआरटी के स्तर पर ही मासिक परीक्षा के प्रश्नपत्र तैयार किए जा रहे थे। साथ में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी विद्यालय के शिक्षक के स्थान पर अन्य विद्यालय के शिक्षक कर रहे थे। 

बीती 25 जुलाई को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की ओर से बुलाई गई विभागीय समीक्षा बैठक में मासिक परीक्षा का मुद्दा उठा था। इसमें विभागीय अधिकारियों की ओर से डायट को प्रश्नपत्र बनाने का जिम्मा सौंपने और उत्तरपुस्तिकाएं संबंधित विद्यालय में ही जांचने के स्थान पर पुरानी व्यवस्था बहाल रखने की पैरवी भी की गई। शिक्षा मंत्री ने मासिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं को एकदूसरे विद्यालयों के शिक्षकों से जांचने अथवा विद्यालय स्तर पर स्वमूल्यांकन की व्यवस्था, डायट से प्रत्येक ब्लॉक के सात विद्यालयों के प्रश्नपत्र निर्माण को लेकर बने संशय को दूर करने के लिए अधिकारियों को बैठक करने के निर्देश दिए थे। अब बुधवार को विभागीय समीक्षा बैठक में इस बारे में निर्णय लिया जा सकता है।   

शासन ने इन प्रावधानों को किया है लागू 

-मासिक परीक्षाओं का विद्यालय स्तर पर होगा संचालन 

-सभी राजकीय विद्यालयों में मासिक पाठ्यक्रम विभाजन उपलब्ध कराया जाएगा 

-शिक्षा की गुणवत्ता स्तर जांचने को प्रतिमाह विकासखंडवार सात विद्यालयों को चिह्नित कर डायट के निर्देशन पर मासिक परीक्षा होगी संचालित 

-गुणवत्ता सर्वेक्षण के लिए चयनित विद्यालयों में निश्चित तारीख को एक साथ होगी मासिक परीक्षा 

-मासिक परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन उसी विद्यालय के विषय अध्यापक करेंगे 

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