Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां आइटीआइ की 7904 सीटों के लिए 15293 छात्रों का दावा, जानिए

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 06 Aug 2019 02:13 PM (IST)

    एनसीवीटी के तहत संचालित प्रदेशभर के 93 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की 7904 सीटों के लिए 15293 छात्र-छात्राएं मेरिट में हैं।

    यहां आइटीआइ की 7904 सीटों के लिए 15293 छात्रों का दावा, जानिए

    देहरादून, अशोक केडियाल। नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के तहत संचालित प्रदेशभर के 93 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) की 7904 सीटों के लिए 15293 छात्र-छात्राएं मेरिट में हैं। आठ अगस्त से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। प्रशिक्षण और सेवायोजन निदेशालय ने मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी है, जिससे अगले दो दिन छात्र-छात्राएं त्रुटियों में सुधार कर सकें। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश में आइटीआइ के 32 ट्रेडों में दाखिले के लिए प्रवेश प्रक्रिया 27 जून से शुरू हुई और 18 जुलाई तक चली। इस दौरान 16210 आवेदन प्राप्त हुए। इस बार छात्रों को प्रवेश परीक्षा से नहीं गुजरना पड़ेगा। 10वीं परीक्षा पास के दस्तावेज आवेदन पत्र के साथ मांगे गए हैं। जमा आवेदनों की स्क्रूटनी की गई और सही पाए गए 15293 छात्र-छात्राओं की मेरिट लिस्ट तैयार कर काउंसलिंग की तिथि तय कर ली गई हैं। प्रदेश एनसीवीटी के तहत आइटीआइ में वर्तमान में 32 ट्रेड संचालित हो रहे हैं। जिसमें फिटर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, वेल्डर, टर्नर, मशीनिस्ट, स्वीविंग टेक्नोलॉजी, फैशन डिजाइनिंग टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर ऑपरेटर, ड्रेस मेकिंग, रेफ्रिजरेशन, पलंबर, पेंटर, ड्राप्समेन, ब्यूटीशियन, इलेक्ट्रानिक्स, जनरल आदि ट्रेडों की पढ़ाई होती है। इसकी पुष्टि प्रशिक्षण और सेवायोजन निदेशालय के उपनिदेशक जेएस नेगी ने की। 

    इस बार नहीं हुई प्रवेश परीक्षा 

    पिछले सालों तक आइटीआइ में प्रवेश प्रक्रिया अप्रैल में शुरू हो जाती थी। जून में प्रवेश परीक्षा होती थी। आइटीआइ में लगातार घट रही छात्र संख्या के चलते प्रशिक्षण निदेशालय ने इस साल से प्रवेश परीक्षा न कराने का फैसला लिया। तय किया गया कि इस वर्ष से 10वीं की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि प्रवेश परीक्षा में कई छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते थे, जिससे राजकीय आइटीआइ में प्रवेश नहीं मिल पाता था। प्रवेश प्रक्रिया काफी लंबी और खर्चीली होती थी। इससे बचने को इस बार प्रवेश परीक्षा न कराने का निर्णय लिया गया। 

    यह भी पढ़ें: इस विश्वविद्यालय से बीटेक करने में नहीं है छात्रों को दिलचस्पी, जानिए

    यह भी पढ़ें: गवर्नर्स अवॉर्ड: राज्यपाल ने बोर्ड परीक्षाओं के 30 टॉपर्स को किया सम्मानित

    यह भी पढ़ें: फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर स्कूल आएं बच्चे, जानिए वजह

    अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप