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    लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस में घमासान, भाजपा में वेट एंड वॉच

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 13 Mar 2019 08:34 AM (IST)

    हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में खींचतान का दौर चल रहा है। हालांंकि बसपा में जरूर कुछ सुकुन की स्थिति में है।

    लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस में घमासान, भाजपा में वेट एंड वॉच

    हरिद्वार, अनूप कुमार। उत्तराखंड में पहले चरण में चुनावों के एलान ने राजनीतिक दलों की मशक्कत बढ़ा दी है। पूरी तरह से होमवर्क न होने के चलते सभी दलों के भीतर टिकटों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भाजपा और कांग्रेस में खींचतान का दौर चल रहा है। हां, बसपा में जरूर कुछ सुकुन की स्थिति में है। बसपा उम्मीदवार की घोषणा चुनावों के पहले ही हो चुकी है। हालांकि, हालिया दिनों में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए एक नेता घोषित पार्टी उम्मीदवार के लिए चुनौती पेश करते दिख रहे हैं। इधर, सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन के चलते सपा यहां उम्मीदवारी तय करने के झंझट से पूरी तरह मुक्त है।

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    राज्य स्थापना के बाद से हरिद्वार लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनावों में सपा, कांग्रेस और भाजपा ने अपना परचम लहराया है। वर्तमान में यह सीट भाजपा की झोली में है, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक संसद में यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सिटिंग सांसद होने के नाते स्वाभाविक तौर पर पार्टी में उनकी दावेदारी मानी ही जा रही है। लंबा राजनीतिक अनुभव उनकी ताकत है। लेकिन टिकट की उनकी राह निष्कंटक नहीं है। 

    पार्टी के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल और हरिद्वार के पूर्व मेयर मनोज गर्ग भी इस सीट टिकट के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। दोनों ही नेता देहरादून से दिल्ली तक चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा बता चुके हैं। पूर्व मेयर मनोज गर्ग वैश्य समुदाय पर पकड़ और नरेश बंसल संगठन में अपनी सक्रियता के बूते दावेदारी पेश कर रहे हैं। वहीं विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की पत्नी देवयानी ने भी दावेदारी की है। शुरुआत में हरिद्वार के शहर विधायक और नगर विकास मंत्री मदन कौशिक की उम्मीदवारी की भी चर्चा चली थी पर, लेकिन अब वह खुद इस मसले पर चुप्पी साध रहे हैं।

    टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान की स्थिति बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से पूर्व सांसद हरीश रावत की दावेदारी को पार्टी के भीतर से चुनौती मिल रही है। हालांकि, जिला इकाई के पैनल में उनका नाम शामिल नहीं है। लेकिन उनकी दावेदारी यहां बनी हुई है। जिला संगठन और पूर्व विधायक अमरीश कुमार गुट उन्हें बाहरी बता खुलकर विरोध कर रहा है। उनकी मांग पूर्व विधायक अमरीश कुमार को टिकट देने की है। जिला संयोजक संजय पालीवाल गुट भी अपने नेता की दावेदारी पेश कर रहा है। ऐसे में उम्मीदवारी पर फैसला करना कांग्रेस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।

    बसपा में भाजपा और कांग्रेस की अपेक्षा माहौल शांत है। सपा और बसपा गठबंधन में हरिद्वार लोकसभा सीट बसपा के खाते में आई है। बसपा डा. अंतरिक्ष सैनी को काफी पहले ही यहां से अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। हालांकि, हाल ही में कांग्रेस छोड़कर पूरे कुनबे के साथ बसपा में शामिल हुए जिला पंचायत राजनीति के धुरंधर राजेंद्र चौधरी का नाम भी दावेदार के तौर पर चर्चा में है। उनके बसपा में जाने की वजह भी यही बताई जा रही है। हरिद्वार से लेकर रुड़की तक जगह-जगह लगे उनके बैनर और पोस्टर इन चर्चाओं को बल दे रहे हैं। इस मसले पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप बालियान कहते हैं कि फिलहाल डॉ सैनी पार्टी प्रत्याशी हैं। आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल भी ताल ठोकने की जुगत में है। लेकिन, अभी तक हरिद्वार की राजनीति कांग्रेस, भाजपा और बसपा के बीच ही सिमटी नजर आई है।

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