Move to Jagran APP

उत्तराखंड में 30 मिनट पहले मिल जाएगा बादल फटने का अलर्ट

उत्तराखंड में अब न केवल बादल फटने की सटीक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि 30 मिनट पहले अलर्ट भी जारी कर दिया जाएगा।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 12:22 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 08:04 AM (IST)
उत्तराखंड  में 30 मिनट पहले मिल जाएगा बादल फटने का अलर्ट
उत्तराखंड में 30 मिनट पहले मिल जाएगा बादल फटने का अलर्ट

देहरादून, [अशोक केडियाल]: आने वाले दिनों में उत्तराखंड में बादल फटने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। अब न केवल बादल फटने की सटीक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि 30 मिनट पहले अलर्ट भी जारी कर दिया जाएगा। 

loksabha election banner

इतना ही नहीं, ओलावृष्टि और तूफान को लेकर भी आधा घंटे पहले चेतावनी मिल जाएगी। मौसम विभाग ने राज्य के कुल 95 ब्लॉक में 107 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए हैं। ये स्टेशन नवंबर से काम करना शुरू कर देंगे। 

प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश में अक्सर मानसून सीजन बहुत भारी गुजरता है। इस दौरान ओलावृष्टि और बादल फटने की घटनाओं से जानमाल का भारी नुकसान होता है। इसी सीजन पर नजर डालें तो जून से सितंबर तक बादल फटने की दो दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 

इसमें सैकड़ों हेक्टेयर फसल तबाह होने के साथ ही कई मवेशियों की जान गई और करीब 100 से ज्यादा परिवार बेघर हुए। जबकि 500 से ज्यादा मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अब तक प्रदेश में 25 ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम हैं, लेकिन नए स्टेशन स्थापित होने से मौसम का सटीक पूर्वानुमान संभव हो पाएगा। इससे माइक्रो लेवल पर भविष्यवाणी करना आसान हो जाएगा। 

उन्होंने कहा कि  चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को भी मौसम की रियल टाइम जानकारी मिलेगी और प्रदेश में खेती और बागवानी को भी इसका लाभ मिलेगा। 

हर 15 मिनट में मिलेगा रियल टाइम डाटा

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित करने के लिए मौसम विभाग ने राज्य सरकार के साथ एमओयू किया है। इन स्टेशन से मौसम विभाग को हर 15 मिनट में रियल टाइम डाटा मिलेगा। 

क्या है बादल फटना

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि किसी भी सीमित क्षेत्र मे जब एक घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है, तो इसे  बादल फटना कहते हैं। इतनी अधिक बारिश किसी भी क्षेत्र में तबाही मचा सकती है। पहाड़ी क्षेत्रों में एक घंटे में 80-90 मिमी तक की बारिश भी तबाही ला सकती है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड से विदा हुआ मानसून, चार साल बाद सर्वाधिक बारिश दर्ज

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में सात अक्टूबर तक विदा हो सकता है मानसून 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में धीमी पड़ी मानसून की रफ्तार, अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक होगी विदाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.