Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खानपान की बदलती आदतें डाल रही हैं पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 11 Feb 2020 12:54 PM (IST)

    खानपान की बदलती आदतें पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। ऐसे में अस्वस्थ खानपान के कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।

    खानपान की बदलती आदतें डाल रही हैं पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव

    देहरादून, जेएनएन। बदलते परिवेश ने हमारी जीवनशैली को तो प्रभावित किया ही है, खानपान की बदलती आदतें पोषण पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। ऐसे में अस्वस्थ खानपान के कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। जिसमें बार-बार बीमार होना, आयु के अनुसार कद या वजन न बढ़ना, सीखने की कमजोर क्षमता आदि भी शामिल हैं। ऐसे में खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. पंकज दीक्षित ने दैनिक जागरण के अभियान 'जंक फूड से जंग' के तहत डीबीएस पीजी कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में यह बात कही। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि आसानी से उपलब्ध फास्ट फूड लजीज हो सकता है, लेकिन लाभदायक नहीं। यदि आप निरंतर जंक फूड खाते हैं तो यह आपके शरीर को भीतर से बेहद कमजोर बना देगा। कारण ये कि इसमें कोई भी पोषक तत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिदिन संतुलित भोजन खाना चाहिए। इससे न सिर्फ हमें स्वस्थ रहने के लिए सभी जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे, बल्कि उचित मात्रा में कैलोरी भी मिल जाएगी। कैलोरी को लेकर एक नियम तय है कि कुल कैलोरी का 30 प्रतिशत वसा से, 50 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से और लगभग 20 प्रतिशत प्रोटीन से प्राप्त करना चाहिए।

    खाद्यपदार्थ का आकार कितना बड़ा है, इससे फर्क नहीं पड़ता। इसका मतलब यह नहीं है कि उसमें ज्यादा कैलोरी है। एक काजू में 500 से ज्यादा कैलोरी होती है, जबकि चपाती में 100 से भी कम। उन्होंने कहा कि जंक फूड में स्वाद लाने के लिए कई कृत्रिम सामग्रियां डाली जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती हैं। बताया कि अधिक मात्रा में ऑयली एवं जंक फूड का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इससे पेट में अन्य बीमारियां भी जन्म लेती हैं।

    फास्ट फूड में मौजूद अधिक तेल की मात्रा पाचन क्रिया को कमजोर कर देती है, जिसके कारण शरीर में और कोई तत्व नहीं पच पाता और अपच जैसी समस्या होती है। वहीं तैलीय पदार्थों में अधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है जो वजन और मोटापे का कारण बनती है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीसी पांडेय ने जागरण के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चे हों या युवा, फास्ट फूड का प्रचलन सभी वर्गों में तेजी से बढ़ रहा है। चंद मिनटों में शीघ्र डिलीवरी के कारण युवाओं में इसका क्रेज अधिक है।

    इनके अलावा छोटी से छोटी खुशियों का सेलिब्रेशन फास्ट फूड से ही होता है। इससे अल्पावधि में भूख मिट जाती है और स्वाद का सुखद अहसास भी मिलता है, लेकिन इसका दीर्घकालिक परिणाम सकारात्मक नहीं होता। यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत ही हानिकारक है। इस दौरान कोऑर्डिनेटर अलका सूरी, डायटीशियन शुभ्रा आदि उपस्थित रहे। 

    ऐसे छूटेगी लत

    योजना बनाए:  अपना आहार चार्ट और प्रतिदिन लिए जाने वाले भोजन की सूची स्वयं बनाए। ध्यान रहे सूची में आपके पसंद की पौष्टिक चीजें शामिल हों। शुरुआत में इसका पालन करने में थोड़ी मुश्किलें आएंगी पर यह अत्यंत फलदायी प्रयास होगा।

    व्यायाम: योग और व्यायाम से शरीर स्वस्थ होने के साथ मन भी शांत रहता है। रोजाना कोई भी व्यायाम करें, इसके अलावा डांस क्लास या जिम भी च्वाइन किया जा सकता है।

    यह भी पढ़ें: पोषण से भरपूर होनी चाहिए बच्चे की डायट, खाने की टाइमिंग का भी रखें ध्यान

    घर के पकवान: पौष्टिक आहार में भी स्वाद होता है। जरूरत है अपना नजरिया बदलने की। घर पर भी तरह-तरह के व्यंजन बनाकर भरपूर स्वाद पाया जा सकता है।

    संयम: एक बार जब आप अपनी इच्छाओं पर संयम पा लें तो सप्ताह में एक दो बार फास्ट फूड का सेवन कर सकते है, पर मुद्दे का ध्यान रहे।

    यह भी पढ़ें: जंक फूड से जंग के लिए घर का खाने का नहीं कोई विकल्प Dehradun News