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    उत्‍तराखंड चुनाव: गंवाई सत्ता पाने को भाजपा का हर मुमकिन दांव

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 08 Jan 2017 02:00 AM (IST)

    भाजपा पांच साल पहले गंवाई सत्ता पर इस बार फिर काबिज होने के लिए हर मुमकिन दांव आजमा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि भाजपा पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार है।

    देहरादून, [विकास धूलिया]: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के शंखनाद के बाद अब प्रत्याशी चयन की कवायद चल रही है। चुनावी तैयारियां पूरे शबाब पर हैं। रणनीति निर्धारण अंतिम चरण में है तो मुद्दों को भी धार दी जा रही है। सांगठनिक रूप से खासी मजबूत मानी जाने वाली भाजपा पांच साल पहले गंवाई सत्ता पर इस बार फिर काबिज होने के लिए हर मुमकिन दांव आजमा रही है।

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    पिछले कई महीनों से संगठन स्तर पर चलाए जा रहे कार्यक्रमों के जरिये पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को पहले ही सक्रिय कर चुकी है और अब लक्ष्य यह है कि किस तरह प्रत्येक मतदाता तक पहुंचा जाए। पार्टी को सांगठनिक तैयारियों के अलावा केंद्र में सत्तारूढ़ अपनी पार्टी की सरकार का भी बड़ा भरोसा है कि चुनावी नैया को पार लगाने में केंद्र की भी अहम भूमिका रहेगी।

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    यूं तो भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में महज एक सीट के अंतर से सत्ता गंवाने के बाद से ही इस कसक को मिटाने के लिए चुनाव तैयारियों में जुटी हुई थी मगर इसमें तेजी आई गत मार्च में सूबे की सियासत में आए बड़े भूचाल से। कांग्रेस के नौ विधायक, जिनमें एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे, ने पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया।

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    वह तो रणनीति में थोड़ा चूक हो गई, अन्यथा भाजपा सूबे में तब ही कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा सकती थी। लाजिमी तौर पर इसके बाद भाजपा पूरी तरह आक्रामक मुद्रा में आ गई। चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने सबसे पहले राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चेतना यात्रा निकाली। मुख्यतया मतदाताओं को जागरूक करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम के जरिये पार्टी का प्रयास अपनी नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का रहा।

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    चेतना यात्रा के बाद दूसरा बड़ा कार्यक्रम भाजपा ने कांग्रेस में बगावत के बाद पर्दाफाश यात्रा के रूप में दिया। यह यात्रा उन विधानसभा क्षेत्रों में निकाली गई, जहां मौजूदा विधानसभा में भाजपा के विधायक नहीं हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं की इसमें मुख्य भूमिका रही। एक तरह से इनके माध्यम से भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का पर्दाफाश करने की कोशिश की। भाजपा का तीसरा और सबसे व्यापक कार्यक्रम रहा सत्ता परिवर्तन यात्रा।

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    नवंबर में आरंभ परिवर्तन यात्रा सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक महीने तक चली। इसकी शुरुआत देहरादून से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने की और एक महीने के दौरान उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में कुल तीन रैलियां की। भाजपा ने इस यात्रा में किस कदर अपनी पूरी ताकत झोंक दी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 19 केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य में रैलियों समेत विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की।

    भाजपा ने इसी एक जनवरी से पांच जनवरी तक सभी 70 विधानसभा सीटों पर त्रिशक्ति सम्मेलनों का आयोजन कर बूथ स्तर तक जाकर कार्यकर्ताओं को तमाम जानकारियां दी। पार्टी पांच से 12 जनवरी तक युवाओं के लिए राज्यभर में 12 युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है तो 70 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं के लिए नारी सम्मान सम्मेलन भी चल रहे हैं।

    विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कुल आठ कमेटियां गठित की हैं। इनमें घोषणापत्र व विजन डाक्यूमेंट समिति, चुनाव आयोग लीगल सेल, परिवहन संबंधी समिति, साहित्य प्रकाशन समिति मुख्य हैं। इसके अलावा भाजपा ने मुख्यालय में कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया है और एक टोल फ्री नंबर भी जारी कर दिया गया है। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी रथ भेजे जाने की तैयारी अंतिम चरण में है।

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    संगठन से इतर, भाजपा की सबसे बड़ी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की उपलब्धियां हैं। प्रधानमंत्री की देहरादून में पिछले दिनों हुई रैली में जिस कदर जनसैलाब उमड़ा, उससे भाजपा फूली नहीं समा रही है। इसी कार्यक्रम में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 12 हजार करोड़ की ऑल वेदर रोड का शिलान्यास किया गया। भाजपा उज्ज्वला योजना को भी उत्तराखंड में चुनावी लिहाज से महत्वपूर्ण मान रही है। अभी केंद्र सरकार ने साल 2013 की आपदा से हुए नुकसान की ऐवज में उत्तराखंड को 209 करोड़ की मदद दी है। प्रदेश भाजपा को पूरा यकीन है कि केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं और उपलब्धियों का पार्टी को विधानसभा चुनाव में लाभ मिलेगा।

    भाजपा पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि भाजपा पूरी तरह चुनाव के लिए तैयार है। संगठन स्तर पर पिछले काफी समय से प्रदेश के जन-जन तक पहुंचने के लिए पार्टी ने कई सफल कार्यक्रम आयोजित किए। पार्टी की परिवर्तन यात्रा ऐतिहासिक रही। फिर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए जिस तरह प्रतिबद्धता दिखा रहे है, उससे साफ है कि प्रदेश में भी भाजपा के पक्ष में ही माहौल है।

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