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    बैंकिंग परीक्षाओं का साल्वर देहरादून से गिरफ्तार, नौकरी लगने के बाद लेता था मोटी रकम

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 10:52 PM (IST)

    देहरादून पुलिस ने एक शातिर परीक्षा साल्वर ऋषि कुमार को गिरफ्तार किया है। वह अभ्यर्थियों की जगह बैंकिंग और एसएससी परीक्षाओं में बैठकर नौकरी लगवाता था, ...और पढ़ें

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     दून पुलिस ने परीक्षा साल्वर को गिरफ्तार किया। 

    जागरण संवाददाता, देहरादून: दून पुलिस ने एक ऐसे परीक्षा साल्वर को गिरफ्तार किया है, जो कि दूसरे अभ्यर्थियों की जगह में पेपर देकर उनकी नौकरी लगवाता था और नौकरी लगने के बाद उनसे मोटी रकम लेता था। रविवार को वह खुद का बैंक का पेपर देने के लिए दून पहुंचा था, जहां पुलिस ने उसे पुरानी करतूतों के चलते गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है, जिसमें एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की संभावना है।

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    टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस) वेन्यू कमांडर सूरजपाल सिंह रावत निवासी ग्राम चौंरा पैठाणी जिला पौड़ी गढ़वाल ने बताया कि रविवार को बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आइबीपीएस) की क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की सामान्य भर्ती प्रक्रिया स्केल-3 की भर्ती परीक्षा दोपहर 2:30 से 5:05 बजे के बीच क्रेट सोल्यूशन आइटीआइ सहारनपुर रोड, पटेलनगर में संपन्न हुई। इस परीक्षा में ऋषि कुमार निवासी देविका स्काइपर रामनगर, गाजियाबाद ने प्रतिभाग किया।

    बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आइबीपीएस) में नियुक्त डिवीजन हेड डा. सोम्बाला निंगथौजम ने सूचना दी कि ऋषि कुमार ने पूर्व में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में अलग-अलग केंद्रों पर राकेश कुमार मीणा, सीताराम मीणा, बलराम मीणा, नरोतम मीणा, अनिकेत कुमार, रणजीत सिंह मीणा, राजकुमार मीणा, रविंद्र मीणा, रवि कुमार मीणा, रामकेश मीणा, हरीश मीणा सभी निवासी राजस्थान व अनिकेत कुमार निवासी बिजनौर के स्थान पर अपना फोटो एडमिट कार्ड पर लगाकर परीक्षाएं दी हैं। परीक्षा समाप्त होने के बाद पुलिस ने आरोपित ऋषि कुमार को हिरासत में लेकर गहनता से पूछताछ की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

     पास करवाने के लेता था चार से पांच लाख रुपये

    पूछताछ में पता चला कि आरोपित ऋषि कुमार राजस्थान के युवकों को अपने जाल में फंसाता था। वह प्रवेश पत्र में अपनी फोटो लगाता था और बायोमेट्रिक भी अपना ही करवाता था। इसके बाद जिस अभ्यर्थी का चयन हो जाता था तो उसे ज्वाइनिंग के लिए भेजता था। अब तक हुई जांच में पता चला कि आरोपित पेपर पास करवाने के चार से पांच लाख रुपये लेता था। वह बैंकिंग सेक्टर ही नहीं स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) की परीक्षाओं में अब तक कई युवकों को नौकरी लगवा चुका है।

    बीटेक व एमबीए कर चुका है आरोपित

    आरोपित ऋषि कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीटेक, जबकि सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट आफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे से एमबीए किया है। इसके बाद उसकी 80 हजार प्रतिमाह वेतन पर नेशनल इंश्योरेंस कारपोरेशन लिमिटेड में नौकरी मिली। आरोपित ने वर्ष 2021 में नौकरी छोड़ दी और साल्वर का काम करना शुरू कर दिया। पुलिस को अंदेशा है कि यह पूरा गिरोह हो सकता है, ऐसे में पुलिस आरोपित को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

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