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    उत्‍तराखंड: आपदा से आगे खिसका विधानसभा सत्र

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 03 Jul 2016 10:39 AM (IST)

    अतिवृष्टि से आई आपदा में विधायकों और मंत्रियों की प्रभावित क्षेत्रों में व्यस्तता के चलते चार जुलाई से प्रस्तावित दो दिनी विस सत्र को आगे खिसकाने का मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में अतिवृष्टि से आई आपदा में विधायकों और मंत्रियों की प्रभावित क्षेत्रों में व्यस्तता के चलते चार जुलाई से प्रस्तावित दो दिनी विधानसभा सत्र को आगे खिसकाने का मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है। मंत्रिमंडल की 21 व 22 जुलाई को सत्र आहूत करने की सिफारिश को विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने स्वीकार कर लिया।

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    देर शाम विधानसभा सचिव की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी की गई। उधर, मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य में तेजी लाने, प्रभावित परिवारों को अस्थाई आवासीय सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया गया। आपदा का असर चार धाम यात्रा पर न पड़े, इसके लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्थानों के लिए चेतावनी जारी की गई है, वहां विशेष चौकसी बरती जाएगी। संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल जेनरेटर की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शाम को राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र पहुंचकर आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की अपडेट जानकारी ली।

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    प्रदेश में अतिवृष्टि से विभिन्न स्थानों पर जन-धन हानि के चलते विधायकों की गुहार ने असर दिखाया। विधायकों और मंत्रियों की मांग पर शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीजापुर स्थित आवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा सत्र की तारीख आगे खिसकाने पर मुहर लगाई गई। चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने से बड़ी जन-धन हानि हुई है। इसे देखते हुए विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और विधायी व संसदीय कार्यमंत्री से सत्र की तारीख आगे खिसकाने की मांग की थी। मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। साथ में विधानसभा सत्र की नई तारीख 21 और 22 जुलाई प्रस्तावित की।

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    मंत्रिमंडल की सिफारिश को विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल स्वीकार कर लिया, जिसके बाद देर शाम सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने 21 व 22 जुलाई को सत्र आहूत करने की अधिसूचना भी जारी कर दी।
    मंत्रिमंडल ने बैठक में आपदा से हुए नुकसान के साथ ही राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा का असर चार धाम यात्रा पर नहीं पडऩा चाहिए। बैठक में बताया गया कि 200 से अधिक प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। राज्य सरकार के विभागों, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ ही आइटीबीपी के जवान राहत एवं बचाव कार्यों में तैनात हैं।

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    मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम सचिवालय स्थित राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र पहुंचकर आपदा प्रबंधन कार्यों का ब्योरा लिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा निगम और पेयजल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे कार्यों की प्रतिदिन अपडेट रिपोर्ट वेबसाइट व अन्य माध्यमों पर सार्वजनिक करने करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा बाधित नहीं हुई है। चार धाम यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए। यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ और जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने को कहा गया है। मुख्यमंत्री आज भी सचिवालय में अपने कार्यालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे।

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