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Ankita Murder Case : आखिर कौन थे पुलकित के वीआइपी मेहमान? इन चार रईसजादों की वजह से अंकिता संग हुई हैवानियत

Ankita Murder Case अंकिता भंडारी हत्याकांड में भले ही अब तक तीन आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी हो लेकिन इस प्रकरण की आंच अभी बहुत दूर तक झुलसाएगी। बताया जा रहा कि घटना वाले दिन एक काले रंग की लक्जरी कार में चार युवक यहां आए थे।

By Durga prasad nautiyalEdited By: Nirmala BohraPublished: Mon, 26 Sep 2022 10:12 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:12 AM (IST)
Ankita Murder Case : आखिर कौन थे पुलकित के वीआइपी मेहमान? इन चार रईसजादों की वजह से अंकिता संग हुई हैवानियत
Ankita Murder Case : अंकिता ने वीआइपी मेहमानों को अतिरिक्त सेवा देने से इन्कार कर दिया था। जागरण

दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश : Ankita Murder Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड में भले ही अब तक तीन आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी हो, लेकिन इस प्रकरण की आंच अभी बहुत दूर तक झुलसाएगी। अंकिता की हत्या की मुख्य वजह उसकी वह खुद्दारी बनी, जिसके चलते उसने रिसॉर्ट में आने वाले वीआइपी मेहमानों को अतिरिक्त सेवा देने से इन्कार कर दिया था।

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ऐसे में पुलिस अब उन वीआइपी मेहमानों को तलाश रही है, जिनके लिए अंकिता पर अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा था। बताया जा रहा कि घटना वाले दिन एक काले रंग की लक्जरी कार में चार युवक यहां आए थे, जो रिसॉर्ट मैनेजर के साथ कुछ देर बात करके वापस लौट गए। इन मेहमानों के जाने के बाद अंकिता के साथ सब-कुछ गलत घटने लगा।

आरोपित पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता व सौरभ भास्कर गिरफ्तार

पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक में भाजपा से निष्कासित नेता डा. विनोद आर्या के पुत्र पुलकित आर्या का वनन्तरा रिसॉर्ट है। यहां रिसेप्शनिस्ट रही पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी (19) की हत्या के आरोप में पुलिस ने रिसॉर्ट संचालक पुलकित आर्या व उसके साथियों अंकित गुप्ता व सौरभ भास्कर को गिरफ्तार किया है।

हत्या की वजह यह थी कि रिसॉर्ट संचालक व मैनेजर अंकिता पर रिसॉर्ट में आने वाले वीआइपी मेहमानों को अतिरिक्त सेवा (अनैतिक कार्य) के लिए दबाव बना रहे थे। लेकिन, अंकिता ने इससे साफ इन्कार कर दिया था। यही नहीं, आरोपितों की नजर भी अंकिता को लेकर सही नहीं थी।

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यह बात अंकिता ने अपने एक दोस्त को फोन करके बताई थी। इस संबंध में अंकिता की उसके दोस्त के साथ चैटिंग भी उपलब्ध है। जिससे साफ पता चलता है कि वीआइपी मेहमानों को अतिरिक्त सेवा देने की बात 17 सितंबर को होटल मैनेजर अंकित ने अंकिता से कही थी।

अब तक की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि 18 सितंबर को अंकिता की हत्या वाले दिन शाम चार से पांच बजे के बीच वनन्तरा रिसाॅर्ट में एक काले रंग की लक्जरी कार में चार युवक आए थे, जिन्हें बाकायदा मैनेजर अंकित ने रिसीव किया। अंकित के साथ ही इनकी बातचीत हुई और इसके बाद चारों रिसॉर्ट से चले गए। बताया जा रहा कि चारों हत्यारोपित पुलकित के दोस्त हैं और पहले भी कई बार इस रिसॉर्ट में आए थे।

बताते हैं कि उक्त मेहमानों के लौटने के बाद पुलकित बेहद गुस्से में था और उसने अंकिता को उसके कमरे में ले जाकर डांट लगाई। इस बीच कर्मचारियों को यह कहकर ऊपर के तल पर भेज दिया गया कि उनका यहां कोई काम नहीं है। पुलकित आधा घंटे से अधिक समय तक अंकिता के साथ उसके कमरे में रहा।

इस दौरान अंकिता लगातार रो रही थी और चिल्ला रही थी। उसकी आवाज ऊपरी मंजिल तक पहुंच रही थी। रात आठ बजे के आसपास जब होटल कर्मचारी नीचे आए तो अंकित, सौरभ और पुलकित अपने दुपहिया वाहनों से कहीं जाने की तैयारी कर रहे थे। वह घुमाने का बहाना बनाकर अंकिता को एक बाइक में अपने साथ ले गए।

कर्मचारियों को लग गया था कि कुछ गड़बड़ है

रात को जब हत्यारोपित पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता रिसॉर्ट में वापस लौटे तो उन्हें किसी ने देखा नहीं। इससे यह भी पता नहीं चल पाया कि अंकिता उनके साथ वापस नहीं लौटी।

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रात को जब शेफ अंकिता का खाना देने उसके कमरे में जा रहा था तो रिसॉर्ट प्रबंधक अंकित ने उसके हाथ से खाना यह कहकर ले लिया कि वह स्वयं अंकिता को दे देगा। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने कमरों में जाकर सो गए। मगर, इस पूरे माहौल को देखकर कर्मचारियों के बीच रातभर कानाफूसी होती रही।

कमरे में खाना और बैग देखकर यकीन में बदला शक

अंकिता के हत्यारोपित तय षड्यंत्र के तहत सोमवार सुबह ही रिसॉर्ट छोड़कर हरिद्वार चले गए। हरिद्वार से उन्होंने सौरभ बिष्ट नाम के कर्मचारी को अंकिता के कमरे में जाकर उसका मोबाइल लाने की बात कही।

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मगर, जब वह अंकिता के कमरे में पहुंचा तो कमरा खाली था। कुछ देर बाद अन्य कर्मचारी भी नीचे आ गए। उन्होंने कमरा देखा तो वहां रखा रात का खाना ज्यों का त्यों पड़ा था। अंकिता का बैग भी कमरे में ही था।

बाद में बैग खोलने पर अंकिता के स्वजन को उसके पर्स में चार हजार से अधिक की नकदी, आधार कार्ड और पैन कार्ड मिले। इससे कर्मचारियों का शक यकीन में बदल गया कि अंकिता के साथ अनिष्ट घट चुका है।


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