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फीस बढ़ोतरी पर चौतरफा घिरा गढ़वाल विवि, दबाव में वापस लेना पड़ा फैसला

फीस बढ़ोत्तरी का फरमान जारी कर चौतरफा घिरे एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:55 PM (IST)
फीस बढ़ोतरी पर चौतरफा घिरा गढ़वाल विवि, दबाव में वापस लेना पड़ा फैसला

देहरादून, अशोक केडियाल। पंजीकरण शुल्क के रूप में 1200 रुपये फीस बढ़ोत्तरी का फरमान जारी कर चौतरफा घिरे एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि को आखिरकार बैकफुट पर आना पड़ा। विवि ने छात्रों से लिया गया 1200 रुपये पंजीकरण शुल्क रिफंड करने का निर्णय लिया है।   

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कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करते ही सबसे पहले विवि अधिकारियों के साथ इसी मुद्दे पर बैठक कर शुल्क वृद्धि वापस करने का निर्णय लिया। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त होने के बाद ही कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल हाईपा यूनिवर्सिटी तेलअबीब इजराइल में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेने चली गयी थी। मंगलवार को वापस विवि मुख्यालय पहुंचते ही सबसे पहले उन्होंने शुल्क वृद्धि के मामले की जानकारी विवि अधिकारियों से ली। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने अधिकारियों से कहा कि छात्र हित में शुल्क वृद्धि वापस लेनी चाहिए। 

कुलसचिव डॉ. एके झा ने कहा कि विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय पंजीकरण शुल्क 1200 रुपये ही रहेगा। प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेते समय केवल एक बार यह शुल्क देना होगा। कुलसचिव ने कहा कि कॉलेज में रेगुलर पाठ्यक्रमों के प्रथम सेमेस्टर में जिन छात्रों द्वारा 1200 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा कराया है, उनका यह शुल्क संबंधित कॉलेजों के माध्यम से ही विवि द्वारा वापस किया जाएगा। जिसके लिए संबंधित कॉलेज को रिफंड क्लेम विवि प्रशासन को उपलब्ध कराने होंगे।

निर्धारित तिथि के बाद इस मामले में विचार नहीं होगा। कुलसचिव ने कहा कि ऐसे किसी भी संबंधित छात्र को विवि द्वारा सीधे शुल्क वापस नहीं दिया जाएगा। यह वापसी केवल संबद्ध कॉलेज के माध्यम से ही होगी। गढ़वाल विवि की ओर से की गई फीस बढ़ोत्तरी की खबर सबसे पहले 'दैनिक जागरण' ने एक नवंबर 2019 को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसके बाद छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ।   

डीएवी के शिक्षकों ने बैठक में किया विरोध 

डीएवी पीजी कॉलेज शिक्षक प्रतिनिधियों ने गढ़वाल विवि प्रशासन के साथ बीते 18 नवंबर को श्रीनगर गढ़वाल में बैठक के दौरान फीस बढ़ोत्तरी का कड़ा विरोध किया। कॉलेज की ओर से दो शिक्षक डॉ. एचबीएस रंधावा व डॉ.गोपाल क्षेत्री ने बैठक में भाग लिया और तत्काल फीस वापस लेने की पुरजोर मांग की। दूसरी ओर फीस बढ़ोत्तरी का यह मामला केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तक भी पहुंचा था। 

एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि की फीस बढ़ोत्तरी का कड़ा विरोध किया। मुख्यमंत्री से लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के समक्ष विरोध व कुलपति का पुतला दहन तक में संगठन पीछे नहीं रहा। चारों कॉलेज में एनएसयूआइ इकाई ने विरोध और धरना-प्रदर्शन किया जिससे झुककर विवि ने बढ़ी फीस वापस लेने का निर्णय लिया है। विवि का कदम स्वागत योग्य है।

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वहीं, अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री प्रदीप शेखावत का कहना है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने करीब 10 दिनों तक बढ़ी हुई फीस का हर स्तर पर विरोध किया। डीएवी और डीबीएस कॉलेज गेट पर धरना-प्रदर्शन के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री तक बढ़ी हुई फीस का विरोध दर्ज करवाया। संगठन ने शिक्षा के बाजारीकरण का सख्त विरोध किया। बढ़ी फीस वापस होने का संगठन स्वागत करता है। 

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डीएवी के छात्र संघ अध्यक्ष निखिल शर्मा का कहना है कि डीएवी छात्र संघ के पदाधिकारियों व डीएवी के पूर्व अध्यक्षों के सहयोग से फीस बढ़ोत्तरी को लेकर डीएवी में सबसे बड़ा छात्र आंदोलन किया गया। छात्रों ने स्वयं ही आंतरिक परीक्षाओं का बहिष्कार किया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने मिलकर फीस वृद्धि का विरोध दर्ज किया गया। गढ़वाल विवि ने फीस वृद्धि वापस वापस ले ली है जो स्वागत योग्य कदम है। 

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