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    उत्तराखंड में 600 प्राथमिक स्कूलों का होगा विलय, जानिए क्या है वजह

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    Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:02 PM (IST)

    प्रदेश में एक किमी के दायरे के भीतर 10 से कम छात्रसंख्या वाले 600 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में विलय किया जाएगा।

    उत्तराखंड में 600 प्राथमिक स्कूलों का होगा विलय, जानिए क्या है वजह

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में एक किलोमीटर के दायरे के भीतर 10 से कम छात्रसंख्या वाले 600 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में विलय किया जाएगा। इसी तरह एक ही परिसर में अलग-अलग संचालित हो रहे 830 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को भी आपस में समायोजित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस संबंध में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को निर्देश दिए। 

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    सचिवालय में मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने तकरीबन तीन घंटे तक शिक्षा महकमे की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार एक्ट के मानक के मुताबिक पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 10 से कम छात्रसंख्या वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का नजदीकी विद्यालयों में विलय किया जाएगा। विलीनीकृत विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों में तैनाती की जाएगी। 

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    बैठक में बताया गया कि प्रवक्ता संवर्ग में 4598 पद रिक्त हैं। 4066 पदों के सापेक्ष 1729 गेस्ट टीचर चयनित किए गए हैं। चार जिलों टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर व अल्मोड़ा में 1517 पदों पर काउंसिलिंग की जानी है। सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग में 2180 पद रिक्त हैं। इनमें 834 पदों पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति होनी है। इन पदों के सापेक्ष 402 गेस्ट टीचर चयनित किए गए हैं। उक्त चार जिलों में 273 पदों पर काउंसिलिंग होनी है। यह भी बताया गया कि प्रधानाचार्य के 1387 पदों के सापेक्ष 220 पद पूर्णकालिक भरे हैं। 292 पदों पर तदर्थ प्रधानाचार्य कार्यरत हैं। 

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    शिक्षा मंत्री प्रधानाचार्य के रिक्त 875 पदों पर संबंधित इंटर कॉलेजों में कार्यरत वरिष्ठतम शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में बतौर नियंत्रण अधिकारी कार्य करने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए। प्रधानाध्यापकों के रिक्त 493 पदों पर भी वरिष्ठतम शिक्षकों को नियंत्रण अधिकारी का जिम्मा दिया जाएगा। इन नियंत्रण अधिकारियों को आहरण-वितरण का अधिकार देने पर भी विचार किया गया।

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