Gopeshwar Landslide: गोपेश्वर में भूधंसाव के ट्रीटमेंट के लिए वैज्ञानिको ने किया निरीक्षण, कार्ययोजना में जोड़े गए नए सुझाव
Gopeshwar Landslide उत्तराखंड में भूस्खलन की समस्या को लेकर प्रशासन अब सख्त है। गोपेश्वर के हल्दापानी विकासनगर भूस्खलन जोन में चल रहे ट्रीटमेंट कार्य के दौरान विशेषज्ञों की टीम ने निरीक्षण किया। भूवैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने ट्रीटमेंट कार्यस्थल चमोली गोपेश्वर हाईवे के नीचे जलाशय को लेकर बारीकी से अध्ययन किया। इसके साथ ही भूमि के अंदर किए गए जिओ टेक्निकल सर्वे की रिपोर्ट को जांचा।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। गोपेश्वर के हल्दापानी विकासनगर भूस्खलन जोन में चल रहे ट्रीटमेंट कार्य के दौरान जमीन के अंदर जलाशय मिलने के बाद आईआईटी रूड़की के भूगर्भ वैज्ञानिकों , शासन के विशेषज्ञों की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजना में बदलाव का सुझाव दिया है।
निर्माण कर रही सिंचाई विभाग ने आईआईटी रूड़की की गाइडलाइन के अनुसार कार्ययोजना का कार्य शुरू कर दिया गया है। आईआईटी रूड़की के अर्थ साइंस विभाग के विभागध्यक्ष प्रो. एसपी प्रधान व शासन से यूएलएमएमसी के सहायक अभियंता प्रेम सिंह नेगी, भूवैज्ञानिक डा. रितीका टंडन , डिजायन इंजीनियर पंकज की संयुक्त टीम ने हल्दापानी विकासनगर में हो रहे भूस्खलन जोन का निरीक्षण किया।
भूवैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने किया अध्ययन
भूवैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने ट्रीटमेंट कार्यस्थल चमोली गोपेश्वर हाईवे के नीचे जलाशय को लेकर बारीकी से अध्ययन किया। तथा भूमि के अंदर किए गए जिओ टेक्निकल सर्वे की रिपोर्ट को जांचा। विशेषज्ञों ने निर्माण एजेंसी सिंचाई विभाग को जलाशय सहित ट्रीटमेंट क्षेत्र में वर्तमान कार्ययोजना से हटकर सात सुझावों को भी शामिल करने को कहा है।
भूधंसाव से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
बताया गया कि सड़क में भूधंसाव के रोकथाम को लेकर वर्तमान कार्ययोजना माइक्रोपाइल के अतिरिक्त सेल्फ ड्रिलिंग एंकर से जमीन के अंदर ग्राउंटिंग कर भूमि में अतिरिक्त स्थिरता प्रदान की जाए । सतही जल की निकासी के लिए नाली निर्माण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि सतही जल का भूमि के अंदर प्रवेश न हो ।
विशेषज्ञ टीम ने दिए ये सुझाव
विशेषज्ञ टीम ने इसके अलावा ट्रीटमेंट क्षेत्र के डिजाइन में कुछ नए सुझाव व संशोधन करने की बात कही। जमीन के अंदर मौजूद सब सरफेस वाटर की निकासी के लिए भी लचीले परफोरेडिट पाइपों के माध्यम से कार्य योजना का सुझाव दिया है।
भूस्खलन बढ़ता ही गया
वर्ष 2013 में गोपेश्वर नगर के तलहटी में यह भूस्खलन शुरू हुआ। जिससे 87 भवन भूस्खलन के दायरे में आ गए । 18 जनवरी 2023 को तहसील प्रशासन ने 52 मकानों का सर्वेक्षण कर नौ भवनों को रेड जोन में बताकर खाली करने का नोटिस दिया गया । अभी भी कई भवन स्वामी खतरनाक श्रेणी में रखे गए भवनों में ही जमे हुए हैं। तहसील प्रशासन बार बार नोटिस देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है।
ये है कार्ययोजना
हल्दापानी में 18 हेक्टेयर क्षेत्र भूस्खलन से प्रभावित है। यहां पर वर्ष 2023 में 80 करोड़ 61 लाख की कार्ययोजना स्वीकृत हुई है। इस कार्ययोजना का जिम्मेदारी सिंचाई विभाग के माध्यम से अरुण निर्माण कंपनी को सौंपी गई हैं। इस कार्य को सितंबर 2024 तक पूर्ण होना है। अभी तक आधे से अधिक कार्य हो चुका है।
इस भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट के लिए सेल्फ ड्रिलिंग एंकर व माईक्रोपाइल सिस्टम से किया जा रहा है। इसके साथ ही पहाड़ियों को स्थिर रखने के लिए ग्रोटिंग जाली , नटबोर्ट लगे पाइप के साथ सीमेंट का घोल , घास लगाई जाती है। इसके अलावा माइकोपाइल सिस्टम में एक एक मीटर दूरी पर प्रभावित क्षेत्र में जमीन में 20 से 25 मीटर की गहराई पर 25 सेमी व्यास वाले स्टील के पाइप डाले जाएंगे । जिन्हें सीमेंट सरिया से लॉक किए जाएगें।
क्या कहते हैं अधिकारी
रूड़की आईआईटी के वैज्ञानिकों के साथ शासन द्वारा गठित विशेषज्ञों की टीम ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट कार्य सहित भूजल का अध्ययन कर सुझाव दिए हैं। जिसे अमल में लाकर आगे की कार्ययोजना का काम किया जा रहा है।- अरविंद नेगी, अधिशाषी अभियंता, सिंचाई खंड चमोली
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